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दिल्ली: लकड़ी के जरिए भी हो सकेगा कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार, नगर निगम के आदेश के बाद खड़ा हुआ विवाद

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दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसकी वजह से उत्तर दिल्ली नगर निगम ने एक नया आदेश जारी किया है। आदेश के तहत अब कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार लकडी के जरिए भी हो सकेगा। नगर निगम के इस नए आदेश के बाद विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फैसला वापस लेने की मांग की है।

Delhi MCD allowed wood-based funeral of coronavirus infected patients

CNG या इलेक्ट्रिक के जरिए होता था अंतिम संस्कार
दरअसल, दिल्ली में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मरने वालों का अंतिम संस्कार सीएनजी या इलेक्ट्रिक के जरिए होता था। लेकिन अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने नए आदेश में लकड़ी के इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है। आधिकारिक तौर पर इस मामले में निगम की ओर से कोई बयान नहीं आया है, हालांकि लोगों का मानना है कि कोरोना के कारण बढ़ती मृतकों की संख्या को देखते हुए निगम ने ये फैसला लिया है।

आदेश के बाद खड़ा हुआ विवाद
अंतिम संस्कार को लेकर जारी आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने अंतिम संस्कार में लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। वो मानते हैं कि ये निगम का नहीं दिल्ली सरकार का आदेश है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली प्रशासित आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुरजीत पवार ने निगम के इस आदेश को अनावश्यक बताया है। इसके अलावा निगम बोध घाट के कुछ कर्मचारी भी इस फैसले से नाखुश हैं।

कर्मचारी कर रहे है विरोध
26 मई को यह आदेश नॉर्थ एमसीडी के म्युनिसिपल हेल्थ अफसर (एमएचओ) ने जारी किया। शवों को लकड़ी से जलाने के लिए चार श्मशान घाट भी तय किए गए हैं। इनमें कड़कड़ी मोड़ स्थित कड़कड़डूमा, यमुना बाजार स्थित निगम बोध, रिंग रोड स्थित पंजाबी बाग और सेंट्रल दिल्ली स्थित पचकुइंया रोड श्मशान घाट हैं। लेकिन, इस आदेश का कर्मकांडी ब्राह्मण और शवों को जलानेवाले कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। पंजाबी बाग में लकड़ी से डेडबॉडी जलाने के लिए करीब 26 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें से 3-4 कर्मचारियों ने मंगलवार को काम छोड़ दिया। निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार के लिए कुल 150 लोग हैं। इनमें से जिन्हें लकड़ी से अंतिम संस्कार के काम पर लगाया गया है, वे इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। कड़कड़डूमा में कुल चार लोग इस काम के लिए हैं और सभी लकड़ी से अंतिम संस्कार करने का विरोध कर रहे हैं।

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English summary
Delhi MCD allowed wood-based funeral of coronavirus infected patients
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