स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, अब ED बिना वकील की मौजूदगी में कर सकती है पूछताछ
नई दिल्ली, 04 जून: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जिनको 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से एक और बड़ा झटका लगा है। शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मनी लांड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन से बिना किसी वकील की मौजूदगी के पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी।

दरअसल, ईडी ने 31 मई से 9 जून तक अपनी हिरासत में जैन से पूछताछ के दौरान एक वकील की उपस्थिति की अनुमति देने वाले निचली अदालत के पहले के आदेश को चुनौती दी। जिस पर शनिवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के जैन से पूछताछ के दौरान वकील रखने की अनुमति देने वाले आदेश पर रोक लगा दी है।
जस्टिस योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी (सत्येंद्र जैन) के खिलाफ ना तो कोई एफआईआर है और ना ही कोई शिकायत है, इसलिए वह अपने बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान अपने वकीलों की मौजूदगी का सही दावा नहीं कर सकते। ईडी की याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रखने के बाद हाई कोर्ट ने आज कहा कि निचली अदालत को जैन के वकीलों की उपस्थिति की अनुमति देने का आदेश नहीं देना चाहिए था, जबकि उनसे पूछताछ की जा रही थी।
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि निचली अदालत द्वारा दी गई अनुमति सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के विपरीत है। ईडी के वकील ने तर्क दिया था कि वकील और जैन एक-दूसरे को संकेत दे सकते हैं और जानकारी साझा कर सकते हैं। एस वी राजू ने आगे कहा कि पूछताछ की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है और इस बात का कोई आरोप नहीं है कि आप नेता को धमकाया गया या पीटा गया और उसका दिन में दो बार मेडिकल चेकअप किया जा रहा है।
आपको बता दें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किए गए सत्येंद्र जैन को निचली अदालत ने 31 मई को उन्हें 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला लेनदेन में शामिल थे।