केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब राशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी के साथ कथित मारपीट विवाद के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए राशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दी है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आधार कार्ड आधारित राशन वितरण की व्यवस्था को कुछ समय के लिए रोक लिया गया है। अब पहले जैसे राशन बांटा जाता था उसी तरह बांटा जाएगा।
नए सिस्टम से नहीं रुकी राशन की चोरी
मनीष सिसोदिया ने बताया, 'कुछ महीने पहले राशन की चोरी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने नया सिस्टम लागू किया था। लेकिन ये देखा गया कि कैबनिट का जो फैसला था, राशन विभाग ने उसके उलट फैसला लागू कर दिया जिसकी वजह से राशन वितरण को लेकर दिल्ली भर से समस्याएं सामने आ रही थीं। लोग हर जगह से परेशान हैं। राशन की चोरी रुक नहीं रही है और जिसे राशन मिलना चाहिए उसे मिल नहीं रहा है। इसके लिए आज ये फैसला लिया गया है कि ये जो आधार कार्ड पर आधारित राशन कार्ड पर राशन देने का फैसला था उसको रोक दिया गया है और अगले कुछ दिनों तक राशन वितरण की जो पुरानी व्यवस्था रहेगी वो लागू रहेगी। आधार की अनिवार्यता नहीं रहेगी।'
राशन की 2-3 महीनों में डोर स्टेप डिलिवरी
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, 'इसके अलावा मुख्य सचिव को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे एक हफ्ते के भीतर राशन के डोर स्टेप डिलिवरी को लेकर कैबिनेट नोट लेकर आएं। और इस तरह से बनाकर लाएं कि दो महीने केअंदर इसे पूरी दिल्ली में लागू किया जा सके। जिससे की अगले दो से ढाई महीनों में दिल्लीवासियों को डोरस्टेप राशन मिलना शुरू हो जाए।'
इसी बैठक में हुआ था विवाद
बता दें कि दिल्ली कैबिनेट की ये बैठक जिसमें राशन के लिए आधार कार्ड के अनिवार्यता को खत्म करने के लिए फैसला लिया गया है, को पहले मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में होना था। लेकिन सचिवालय में हंगामे को देखते हुए इस बैठक को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया। इसी बैठक में चीफ सेक्रेटरी, अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि उनके साथ आप विधायकों ने मारपीट की है।
दिल्ली में बाईक एंबुलेंस की शुरूआत
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में बाईक एंबुलेंस की शुरूआत करने की भी बात की। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर बाईक एंबुलेंस की शुरुआत की जाएगी। जिसमें जीपीएस, कम्यूनिकेशन डिवाइस और मेडिकल किट रखी जाएगी। पैरामेडिकल स्टाफ ही बाईक को चलाएगा। जहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती वहां यह बाइकें पहुंच पाएंगी।'