दिल्ली: एंटी डस्ट कैंपेन के बाद अब 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत, जान लें ये नियम
दिल्ली: एंटी डस्ट कैंपेन के बाद अब 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत, जान लें ये नियम
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि सोमवार (18 अक्टूबर) को हम दिल्ली में गाड़ियों के द्वारा फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अब "रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ" अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। गोपाल राय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" श्रेणी में आ गई है, इसलिए दिल्ली सरकार ने शहर में 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू करने का फैसला किया है। दिल्ली में 18 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत होगी और अभियान का पहला चरण 18 नवंबर तक चलेगा।
गोपाल राय ने 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान के बारे में बात करते हुए गुरुवार को कहा था, "18 अक्टूबर से हम "रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ" अभियान शुरू कर रहे हैं। अभियान का पहला चरण 18 नवंबर तक चलेगा। इस संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों, नागरिक सुरक्षा एवं पर्यावरण विभाग, ट्रैफिक पुलिस के साथ एक संयुक्त बैठक की गई है। इसके तहत 13 पुलिस जिलों में 100 चौकों पर 2500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा। 90 चौराहों पर प्रत्येक में 10 सदस्य होंगे जबकि शेष 10 प्रमुख चौराहों पर 20 पर्यावरण मार्शल तैनात किए जाएंगे।''
गोपाल राय ने कहा कि 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान के लिए दो पालियों में सुबह 08 बजे से दोपहर 02 बजे तक और फिर दोपहर 02 बजे से रात 08 बजे तक चलेगा। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक भी जागरूकता के लिए कार्ड के साथ खड़े होंगे।
'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' जैसा की नाम से ही जाहिर है, इसके दौरान आपको रेड लाइट सिग्नल पर अपनी गाड़ियों को ऑफ करना होगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता का कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि है। गोपाल राय ने कहा कि यह सामान्य चलन है कि जैसे-जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं, शहर में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगती है।
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गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा है कि पिछले 3 दिनों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में तेजी से पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, इसकी वजह से दिल्ली का एक्यूआई स्तर 284 पर पहुंच गया है। नासा के मुताबिक 13 अक्टूबर को पराली जलने की संख्या कम थी, जिसकी वजह से उस दिन एक्यूआई का स्तर 171 था।