इस शख्स ने चुनाव लड़ने के लिए शुरु की चोरी, गरीबों को लुभाने के लिए अपनाया ये तरीका
Delhi News, दिल्ली। खबर देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) से है। यहां क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) की टीम ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसकी छवि अपने गृह जनपद में 'रॉबिनहुड' जैसी बनी हुई थी। दरअसल, मोहम्मद इरफान उर्फ उजाले नाम का यह शख्स महंगी और लक्जरी गाड़ियों का शौक रखता है और अपने साथियों के साथ दिल्ली, पंजाब और देश के दूसरों हिस्सों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। लेकिन यहां खास बात यह है कि यह शख्स अपने गृह जनपद बिहार (Bihar) के सीतामढ़ी (Sitamarhi) से मार्च में जिला परिषद का चुनाव भी लड़ने वाला था। इतना ही नहीं, गरीबों का मसीहा बनने के लिए वह चोरी के पैसों से स्वास्थ्य कैंप लगवाता था और पैसे भी दान करता था।
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बंद
घरों
को
बनाते
थे
अपना
निशाना
दिल्ली
क्राइम
ब्रांच
की
डीसीपी
मोनिका
भारद्वाज
के
मुताबिक,
एक
सूचना
के
बाद
इरफान
उर्फ
रॉबिनहुड
उर्फ
उजाले
को
7
जनवरी
को
नारायणा
फ्लाईओवर
के
पास
से
पकड़ा
गया
था।
उसके
पास
से
जगुआर
और
निसान
की
2
महंगी
कारें
बरामद
हुईं।
आरोपी
ने
पूछताछ
में
बताया
कि
वह
अपने
गैंग
के
साथ
केवल
पॉश
इलाकों
के
उन
घरों
में
चोरी
करता
था,
जो
बंद
होते
थे।
बताया
कि
यह
गैंग
चोरी
भी
केवल
नगदी
और
गहनों
की
करता
था।
गैंग
में
महिला
भी
थी
शामिल
क्राइम
ब्रांच
की
डीसीपी
मोनिका
भारद्वाज
ने
मीडिया
को
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
इरफान
की
निशानदेही
पर
पंजाब
के
जालंधर
से
गैंग
के
तीन
लोग
पकड़े
गए
हैं,
जिसमें
एक
महिला
भी
शामिल
है।
इनके
पास
से
फ्रांस
मेड
पिस्टल
और
गहने
मिले
हैं।
आरोपी
ने
पूछताछ
में
बताया
कि
बीते
साल
उसके
गैंग
ने
जालंधर
में
एक
घर
से
26
लाख
रुपए,
हीरे
और
सोने
के
गहनों
की
चोरी
की
थी।
महंगी
और
लक्जरी
कारों
शौकीन
डीसीपी
मोनिका
भारद्वाज
की
मानें
तो
इरफान
को
महंगी
और
लक्जरी
कारों
का
शौक
है,
उसके
पास
से
बरामद
लक्जरी
कारें
इस
बात
की
तस्दीक
करती
हैं
कि
वह
न
केवल
कारों
को
चोरी
करता
था
बल्कि
खुद
भी
महंगी
कारों
का
शौकीन
था।
उसने
लूट
की
रकम
से
हाल
ही
में
स्कॉर्पियो
खरीदी
है।
लोकप्रिय
युवा
नेता
बनना
चाहता
था
इरफान
पुलिस
के
मुताबिक,
इरफान
अपने
गांव
में
गरीब
और
जरूरतमंद
लोगों
की
खूब
मदद
करता
था।
पुलिस
की
मानें
तो
इरफान
ने
वह
गांव
में
उसकी
छवि
'मसीहा'
जैसी
थी।
वो
बिहार
में
लोकप्रिय
युवा
नेता
बनना
चाहता
था।
लेकिन
कोरोना
काल
में
गैंग
वारदातों
को
अंजाम
नहीं
दे
पा
रहा
था
क्योंकि
इस
दौरान
अधिकतर
लोग
अपने
घरों
में
ही
रह
रहे
थे।