येचुरी बोले-हम भारतीय हैं यही हमारा राष्ट्रवाद है ना ये कि कौन हिंदू है?
राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग हिंसा का सहारा ले रहे हैं क्योंकि वो वाद-विवाद और ज्ञान के जरिए हमें मात नहीं दे सकते।
नई दिल्ली। बीते हफ्ते 22 फरवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में वामपंथी संगठन आईसा और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के बीच टकराव के बाद आज वामपंथी छात्र संगठन सड़कों पर हैं। वामपंथी छात्रों के एबीवीपी के खिलाफ मार्च में आज बड़ी संख्या में छात्रों के साथ-साथ कई बड़े वामपंथी नेता भी शामिल हुए। सीताराम येचुरी और डी राजा ने मार्च में अपनी बात रखी।
'दक्षिणपंथियों में वाद-विवाद की हिम्मत नहीं'
मार्च के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग हिंसा का सहारा ले रहे हैं क्योंकि वो वाद-विवाद और ज्ञान के जरिए हमें मात नहीं दे सकते। सीताराम येचुरी ने कहा कि वो हिन्दू-हिन्दू करते हैं लेकिन हम भारतीय की बात करते हैं। उनके और हमारे राष्ट्रवाद में यही फर्क है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर बोलने की आजादी को खत्म नहीं होने दिए जाएगा, जिसकी कोशिश भाजपा और उससे जुड़े संगठन कर रहे हैं।
ससंद में उठाएंगे दिल्ली यूनिवर्सिटी का मामला: राजा
इस दौरान डी रीजा ने भी जमकर आरएसएस और एबीवीपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये मार्च देश को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि ये हम सबकी साझा कोशिश है देश के संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए। उन्होंने कहा कि रामजस कॉलेज के बाहर और भीतर जो हुआ है, इसको हम संसद के भीतर भी उठाएंगे। ये मामला टालने वाला नहीं है। इस दौरान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और आईसा नेता शहला रशीद ने भी अपनी बात रखी। दोनों ने एबीवीपी पर 22 फरवरी को छात्रों को पीटने का आरोप लगाया।
वामपंथी संगठन क्यों कर रहे विरोध मार्च?
रामजस कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाए जाने के विरोध में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। इसी दौरान वामपंथी छात्र संगठनों से उनकी झड़प हुई थी। वामपंथी छात्र संगठनों ने एबीवीपी पर मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया था। कई वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें पुलिस और एबीवीपी के लोग छात्र और छात्राओं के साथ मारपीट करते दिखे थे। इसी के विरोध में आज वांमपंथी संगठनों ने मार्च का ऐलान किया है।
कई सेलेब्रिटी और नेता भी कूदे विवाद में
पिछले छह दिन में कई लोग इस मामले पर अपनी राय जाहिर कर चुके हैं। खासतौर से लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर के एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन का आगाज करने के बाद। गुरमेहर के विरोध या समर्थन में आने वालों में वीरेंद्र सहवाग, गीता फोगाट, रणदीप हुड्डा और जावेद अख्तर जैसे लोग शामिल हैं। मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके गुरमेहर का समर्थन किया तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी डीयू की छात्रा के समर्थन में आवाज उठाई। किरेन रिजिजू ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर गुरमेहर कौर का दिमाग कौन खराब कर रहा है, तो इसका जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा कि मैं उसके बारे में (गुरमेहर कौर ) नहीं जानता हूं, पर यह जानता हूं कि मंत्री जी आपका दिमाग कौन प्रदूषित कर रहा है।