हाईकोर्ट में केंद्र ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति को ठहराया जायज, दी ये दलीलें
नई दिल्ली, सितंबर 16: केंद्र सरकार ने दिल्ली के नए कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। केंद्र ने गुरुवार को आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में हालिया कानून और व्यवस्था की स्थिति और प्रभावी पुलिसिंग प्रदान करने के लिए लाया गया है। अस्थाना की नियुक्ति, अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति और सेवा के विस्तार को रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका के जवाब में दायर एक लिखित उत्तर में ये बात कही गई है।
केंद्र ने अपने जवाब में कहा कि दिल्ली सार्वजनिक व्यवस्था / कानून और व्यवस्था की स्थिति / पुलिस के मुद्दों" की विविध और अत्यंत चुनौतीपूर्ण स्थितियों को देख रही है। जिसका न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थ है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय / सीमा पार प्रभाव भी है। जवाब में आगे कहा कि चूंकि एजीएमयूटी कैडर में केंद्र शासित प्रदेश और छोटे उत्तर-पूर्वी राज्य शामिल हैं, इसलिए विविध राजनीतिक और कानून व्यवस्था की समस्या वाले एक बड़े राज्य की केंद्रीय जांच एजेंसी, अर्ध-सैन्य बल और पुलिस बल में काम करने और पर्यवेक्षण करने का अपेक्षित अनुभव था।
केंद्र
ने
कहा
कि,
इसलिए
जनहित
में,
केंद्र
सरकार
द्वारा
दिल्ली
पुलिस
बल
की
निगरानी
के
लिए
और
राष्ट्रीय
राजधानी
क्षेत्र
में
उत्पन्न
हुई
हालिया
कानून
और
व्यवस्था
की
स्थिति
पर
प्रभावी
पुलिसिंग
प्रदान
करने
के
लिए
उपरोक्त
सभी
क्षेत्रों
में
अनुभव
रखने
वाले
एक
अधिकारी
को
रखने
का
निर्णय
लिया
गया
था।
दिल्ली
उच्च
न्यायालय
के
समक्ष
अस्थाना
की
नियुक्ति
के
खिलाफ
याचिका
सदर
आलम
ने
दायर
की
है।
अदालत
ने
मामले
में
सेंटर
फॉर
पब्लिक
इंटरेस्ट
लिटिगेशन
(सीपीआईएल)
के
हस्तक्षेप
आवेदन
को
भी
अनुमति
दे
दी
है।
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1984 के गुजरात-कैडर के अधिकारी और पूर्व डीजी बीएसएफ राकेश अस्थाना को 27 जुलाई को एजीएमयूटी कैडर में प्रतिनियुक्त किया गया था। उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए सेवा का विस्तार दिया गया था, जो 31 जुलाई थी। उन्हें 27 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक के लिए दिल्ली सीपी भी नियुक्त किया गया था।