दिल्ली: ACP संकेत कौशिक पर ट्रक चढ़ाने वाला शख्स अभी भी फरार, पुलिस की 5 टीमें कर रहीं तलाश
नई दिल्ली। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एसीपी संकेत कौशिक की मौत के मामले में आरोपी ट्रक ड्राइवर अभी भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। दो दिन बाद भी पुलिस अभी तक ड्राइवर को पकड़ नहीं सकी है। बता दें, 58 वर्षीय एसीपी संकेत कौशिक बीते शनिवार की रात पैदल ही गुरुग्राम की तरफ से धौला कुआं की तरफ जाने वाली सर्विस लेन पर चल रहे थे। इस दौरान वे ट्रैफिक स्टाफ को भी चेक कर रहे थे। तभी पीछे से टाटा 407 ट्रक उन्हें टक्कर मारती हुई निकल गई। हादसे में एसीपी की मौत हो गई। डीसीपी (साउथवेस्ट) देवेंद्र आर्या ने बताया कि अभी तक आरोपी ड्राइवर पकड़ में नहीं आया है। दिल्ली पुलिस की कई टीमें इस केस की जांच में लगी हैं।
ट्रैफिक क्लीयर करने के लिए गाड़ी से उतरे थे एसीपी कौशिक
एफआईआर के मुताबिक, एसीपी संकेत कौशिक के ड्राइवर एएसआई मुन्नी लाई ने बताया कि घटना शनिवार रात आठ बजे के आसपास की है। पुलिस ने बताया कि कौशिक अपने आपरेटर और ड्राइवर के साथ थे। पुल के पास ट्रैफिक देखकर वह अपनी गाड़ी से उतर गए और उसे क्लीयर करने लगे। कौशिश को देखकर उनके आपरेटर और ड्राइवर भी गाड़ी से उतरकर ट्रैफिक को क्लीयर करने में जुट गए।
ट्रक ड्राइवर अभी तक फरार
एएसआई मुन्नी लाल के मुताबिक, ''हमनें अपनी कार उमराव होटल के पास खड़ी कर दी थी, एसीपी सर सर्विस लेन में पैदल ही चल रहे थे। गुड़गांव बॉर्डर के पास वह सड़क के दाईं ओर चल रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार मिनी-ट्रक एसीपी सर को रौंदने के बाद डिवाइडर से टकराया। मैं चिल्लाया- रुको, वो मास्क पहने था, उसने कुछ देर के लिए ट्रक रोका और पीछे देखा, लेकिन सर्विस लेन से वह हाईवे पर चला गया और दिल्ली की ओर भाग गया। ट्रक की लाइसेंस प्लेट पर काफी कीचड़ था और मैं इस नंबर को नोट नहीं कर पाया।"
2017 में एसीपी रैंक पर पदोन्नत हुए थे कौशिश
बता दें, मामले में वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है। रविवार को एसीपी का शव उनके परिवार को सौंपा गया, जिसके बाद उन्होंने शव का अंतिम संस्कार किया। एसीपी कौशिक के परिवार में पत्नी, दो बेटियों और एक बेटा है। वह 1989 में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुए और दक्षिण पश्चिम जिले में तैनात थे। पुलिस ने कहा कि उन्हें 2006 में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया था। इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस के मध्य जिले, सुरक्षा और यातायात इकाइयों में काम किया। 2017 में उन्हें एसीपी रैंक पर पदोन्नत किया गया था और दो साल बाद उन्हें ट्रैफ़िक विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था।