उत्तराखंड: नहीं रहे 'वृक्ष मानव' के नाम से मशहूर विश्वेश्वर दत्त सकलानी
Tehri News, टिहरी। वृक्ष मानव नाम से मशहूर विश्वेश्वर दत्त सकलानी का आज निधन हो गया। विश्वेश्वर दत्त सकलानी वे शख्स थे, जिन्होंने अकेले ही 50 लाख पेड़ लगाकर सघन जंगल स्थापित किया था। 98 साल के सकलानी की मौत का किसी को पहले पता नहीं चला। सुबह जब उनका बेटा संतोष सकलानी को चाय देने गए तो उनकी मौत की जानकारी हुई।
टिहरी जिले के सत्यों के पास पुजार गांव में 2 जून 1922 को विश्वेश्वर दत्त सकलानी का जन्म हुआ था। बता दें कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी को 8 साल की उम्र से ही पेड़ लगाने का शौक था। लेकिन 11 जनवरी 1956 को जब उनकी पत्नी शारदा देवी का देहांत हुआ तो उन्होंने पौधरोपण को अपना लक्ष्य बना लिया। सकलानी ने अपनी अंतिम सांस तक 50 लाख पेड़ लगाए।
संतोष सकलानी राजभवन में बतौर प्रोटोकॉल अधिकारी तैनात हैं। उन्होंने बताया कि अभी उनके तीन भाई गांव आएंगे। उसके बाद अंतिम संस्कार के किया जाएगा। उनके बेटे ने बताया कि विश्वेश्वर दत्त सकलानी को 19 नवम्बर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने "इन्दिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार" से सम्मानित किया था।
बीमारी
में
भी
पेड़ो
को
किया
याद
विश्वेश्वर
दत्त
सकलानी
काफी
समय
से
बीमार
चल
रहे
थे
और
बीमार
रहते
हुए
भी
उनके
मुंह
से
लड़खड़ाते
हुए
केवल
ये
शब्द
निकले
थे...
"वृक्ष
मेरे
माता-पिता,
वृक्ष
मेरी
संतान,
वृक्ष
ही
मेरे
सगे
साथी"