उत्तराखंड: समूह ‘ग' की सरकारी नौकरी में स्थानीय बेरोजगारों के लिए खुशखबरी
Dehradun news, देहरादून। प्रदेश मंत्रिमंडल ने समूह 'ग' की नौकरी के लिए उत्तराखंड राज्य के किसी भी स्कूल से हाई स्कूल या इंटर की डिग्री को अनिवार्य कर दिया है। बीते बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 17 में से 15 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसमें सबसे प्रमुख है समूह ग की नौकरी में स्थानीय युवको को दी जाने वाली राहत। दरअसल वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने राज्य लोकसेवा आयोग की परिधि के बाहर और भीतर समूह 'ग' की नौकरी के लिए प्रदेश के किसी भी रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया था। 10 फरवरी 2014 को जारी शासनादेश के खिलाफ कुछ लोगों ने हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दाखिल की थी। पहले एकल पीठ ने और बाद में खंडपीठ ने राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी।
इसके बाद दिसम्बर 2018 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने सरकार से मार्गदर्शन मांगा। क्योंकि हाईकोर्ट के फैसले के बाद समूह की नौकरी से प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों का एकाधिकार खत्म हो गया था। इसी वजह से 800 नियुक्तियां भी लटकी हुई है। इससे सरकार को चुनावी नुकसान की भी आशंका थी।
सरकार पर स्थानीय युवकों के संरक्षण का दबाव था। बीच का रास्ता निकालते हुए बुधवार को कैबिनेट ने समूह ग की नौकरी के लिए उत्तराखंड राज्य से हाई स्कूल या इंटर की डिग्री को आवश्यक कर दिया है। प्रदेश के बाहर रहने वाले उत्तराखंड के मूल निवासियों और सैन्य या अर्द्धसैनिक बलों में काम करने वाले उत्तराखंड के वाशिंदों को इस नियम में छूट दी गई है। नई नीति से प्रदेश के बेरोजगार युवकों का हित सुरक्षित रखा गया है।