कक्षा 2 तक के स्टूडेंट्स को होमवर्क नहीं दे सकते स्कूल, ऐसा हुआ तो मान्यता रद्द कर देगी सरकार
uttarakhand news, देहरादून। उत्तराखंड में छोटे बच्चों के लिए होमवर्क से लेकर स्कूल के बैग का वजन भी तय कर दिया गया है। बीते काफी समय की जा रही मांग के चलते शिक्षा सचिव उत्तराखण्ड सरकार ने इस पर डिसीजन लिया है। शिक्षा सचिव की ओर से डायरेक्टर बेसिक शिक्षा को आदेश दिए गए। जिसमें कहा गया कि उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में यदि कक्षा एक से लेकर दो तक के बच्चों को शिक्षकों की ओर से होमवर्क दिया गया तो ऐसे स्कूलों की मान्यता को निरस्त किया जाएगा। इसकी जांच हेतु विभागीय स्तर पर सचल दल का गठन किया जाएगा।
बच्चों
को
यह
पढ़ाया
जाएगा
और
इतना
दिया
जाएगा
होमवर्क
देवभूमि
उत्तराखंड
के
शिक्षा
सचिव
डॉ.
आर.
मीनाक्षी
सुंदरम
की
ओर
से
जारी
आदेश
में
कहा
गया
है
कि
कक्षा
एक
से
लेकर
कक्षा
दो
तक
बच्चों
को
कोई
भी
होमवर्क
नहीं
दिया
जाए।
जबकि
कक्षा
तीन
से
ऊपर
के
बच्चों
को
प्रति
सप्ताह
दो
घंटे
का
होमवर्क
दिया
जा
सकता
है।
शिक्षा
सचिव
ने
बच्चो
के
पाठ्यक्रम
एवं
विषय
को
लेकर
भी
आदेश
जारी
किए
हैं।
इसमें
कहा
गया
है
कि
कक्षा
एक
से
दो
तक
के
बच्चों
को
भाषा
एवं
गणित
के
अलावा
कोई
अन्य
विषय
नहीं
पढ़ाया
जाए
और
कक्षा
तीन
से
लेकर
कक्षा
पांच
तक
के
बच्चों
को
भाषा,
गणित
एवं
पर्यावरण
विज्ञान
के
अलावा
अन्य
विषय
नहीं
पढ़ाए
जाएं।
शिक्षा
सचिव
डॉ.
आर.
मीनाक्षी
सुन्दरम्
ने
आदेश
में
कहा
कि
यह
भी
सुनिश्चित
किया
जाए
कि
विधालयो
में
एनसीईआरटी
की
पुस्तकें
उपयोग
में
लाई
जा
रही
हैं।
इतना
होगा
स्कूल
के
बैग
वजन
उत्तराखंड
में
स्कूली
बैग
के
वजन
को
लेकर
शिक्षा
सचिव
डॉ.
आर.
मीनाक्षी
सुन्दरम्
ने
आदेश
जारी
कर
कहा
है
कि
कक्षा
एक
से
दो
तक
के
बच्चों
के
बैग
का
वजन
डेढ़
किलोग्राम
से
अधिक
न
हो
और
कक्षा
तीन
से
लेकर
कक्षा
पांच
तक
के
बच्चों
के
बैग
का
वजन
दो
से
तीन
किलोग्राम
तक
ही
हो।
जबकि,
कक्षा
06
से
कक्षा
08
तक
के
बच्चों
के
बैग
का
वजन
चार
किलोग्राम
तक
होना
चाहिए
और
आठवीं
और
नौंवी
कक्षा
के
बच्चों
के
बैग
का
वजन
साढ़े
चार
किलोग्राम
तक
हो
और
दसवीं
के
बच्चों
के
बैग
का
वजन
पांच
किलोग्राम
तक
हो
सकता
है।
शिक्षा
सचिव
उत्तराखंड
ने
डायरेक्टर
बेसिक
शिक्षा
को
निर्देशित
किया
है
कि
विद्यालयों
की
औचक
जांच
के
लिए
सचल
दल
का
गठन
किया
जाए।
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