खौफ का पर्याय बना तेंदुआ अब हुआ पिंजरे में कैद, पिथौरागढ़ में 6 साल के बच्चे को बनाया था निवाला
देहरादून। उत्तराखंड में गंगोलीहाट के बिरगोली में खौफ का पर्याय बना तेंदुआ अब पिंजरे में कैद कर लिया गया है। यह तेंदुआ इसी महीने की शुरूआत से कई लोगों पर हमला कर चुका था। 10 नवंबर को बिरगोली के सौंलीगैर में इस तेंदुए ने छह वर्षीय बालक मयंक को भी मार डाला था। जिसके चलते इलाके के लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे। तेंदुए ने कई जानवरों को भी अपना निवाला बना लिया था। लोगों की शिकायत मिलने पर वन विभाग ने पिंजरा डलवाया। वह आदमखोर तेंदुआ मांस की गंध सूंघकर पिंजरे के पास पहुंचा। फिर जैसे ही अंदर घुसा तो कैद हो गया।
जानकारी के अनुसार, बीते 10 नवंबर को बिरगोली के सौंलीगैर में गजेंद्र सिंह खाती का बेटा मयंक शाम करीब साढ़े चार बजे घर के पास ही स्थित पानी के स्टेंड पोस्ट के पास अन्य बच्चों अभिषेक और भावना के साथ खेल रहा था। तभी तेंदुआ मयंक को मुंह में दबाकर जंगल की ओर भाग निकला। तेंदुए के देख वहां खेल रहे अन्य बच्चे दहशत के मारे चीखने-चिल्लाने लगे। तब घरवाले उधर दौड़े। उन्हें तेंदुआ मयंक को लेकर भागता दिखा। फिर, शाम को घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर झाड़ियों में मयंक का क्षत-विक्षिप्त शव बरामद हुआ था।
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