पौड़ी गढ़वाल: 'चेले' ने बेटे को नहीं सौंपी पिता बीसी खंडूड़ी की विरासत, दी करारी शिकस्त
Dehradun News, देहरादून। 17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट काफी चर्चाओं में है। इस सीट पर भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी 284,350 वोट से चुनाव हार गए हैं। बता दें कि मनीष कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। वहीं, मनीष के सामने बीसी खंडूड़ी के शिष्य तीरथ सिंह रावत भाजपा के टिकट पर मैदान में थे। तीरथ सिंह रावत को 486545 वोट प्राप्त हुए है।
कौन
है
मनीष
खंडूड़ी
कांग्रेस
प्रत्याशी
मनीष
खंडूड़ी
को
इंजीनियरिंग
और
मीडिया
के
क्षेत्र
में
महारथी
हैं।
इसके
बाद
अब
उन्होंने
कांग्रेस
के
साथ
जुड़कर
राजनीतिक
सफर
भी
शुरू
कर
दिया
है।
मनीष
वर्तमान
में
फेसबुक
इंडिया
के
न्यूज
पार्टनरशिप
हेड
का
दायित्व
भी
संभाल
रहे
हैं।
मनीष
खंडूड़ी
का
जन्म
उत्तराखंड
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
व
गढ़वाल
सांसद
मेजर
जनरल
बीसी
खंडूड़ी
के
घर
16
अक्टूबर
1968
को
हुआ।
शिक्षा
में
बचपन
से
ही
अव्वल
मनीष
ने
नेताजी
सुभाष
चंद्र
इंस्टीट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
से
बीई
की
परीक्षा
उत्तीर्ण
की।
पौड़ी
गढ़वाल
सीट
पर
मिली
पूर्व
सीएम
बीसी
खंडूड़ी
के
बेटे
मनीष
खंडूड़ी
कांग्रेस
के
टिकट
पर
पौड़ी
गढ़वाल
सीट
मैदान
में
थे।
वहीं,
दूसरी
ओर
उनके
राजनीतिक
शिष्य
तीरथ
सिंह
रावत
ताल
ठोक
रहे
थे।
बीसी
खंडूड़ी
ने
अपने
बेटे
का
समर्थने
के
बजाया
पार्टी
के
पक्ष
में
मजबूती
से
खड़े
रहने
का
निर्णय
लिया।
उन्होंने
एक
बार
भी
अपने
बेटे
के
लिए
वोट
अपील
नहीं
की।
खंडूड़ी
ने
बेटे
के
कांग्रेस
में
शामिल
होने
के
बाद
कहा
था
कि
वो
अपनी
पार्टी
के
साथ
खड़े
हैं।
उनके
बेटे
ने
जो
किया,
वो
उनका
व्यक्तिगत
निर्णय
है।
बीसी
खंडूड़ी
अगर
बेटे
के
पक्ष
में
खड़े
होते,
तो
हो
सकता
था
कि
तीरथ
सिंह
रावत
के
लिए
कुछ
परेशानी
होती।
खंडूड़ी
का
अपने
बेटे
के
पक्ष
में
ना
जाना
ही
तीरथ
के
लिए
जीत
की
तरह
था।
उसी
दिन
तय
हो
गया
था
कि
जीत
तीरथ
सिंह
रावत
को
ही
मिलेगी।
हुआ
भी
वही।
तीरथ
ने
बड़े
अंतर
से
जीत
हासिल।