गिरी छत के नीचे दबे रहे मां-बाप, सीने में छुपाकर बच्चों को नहीं आने दी खरोंच
Dehradun news, देहरादून/बागेश्वर। मां-बाप का अपने बच्चों के लिए अदम्य प्रेम उन्हें जिंदगी में हर मुश्किलों से लड़ने का साहस देता है। उनकी अनेक कुर्बानियां और दुआओं से बच्चों पर कोई आंच नहीं आती है। ऐसा ही एक वाकया उत्तराखंड के बिमोली गांव का है। जहां मां-बाप ने मिलकर अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ दूसरे बच्चे को अपनी जान पर खेलकर बचा लिया।
दअरसल, बिमोला गांव में मनोज कुमार और उनकी पत्नी अपने दो बच्चों के साथ पुराने मकान में रहते हैं। मंगलवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनके मकान की छत की बीच वाली बल्ली टूट गई। जिससे पूरे मकान की छत उनपर आ गिरी। मनोज और उनकी पत्नी ने एक-एक बच्चे को अपने सीने से लगा लिया और छत की तरफ फीठ कर दी। करीब 15 मिनट तक मनोज और उनकी पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ मलबे में दबे रहे।
मां-बाप ने बच्चों को सीने से चिपका लिया और सारा मलबा अपने ऊपर गिर जाने दिया। घायल मनोज ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि हौसला ना हारें। दोनों ने अपने मासूमों को खरोंच तक नहीं आने दी। दोनों घायल दंपति का बैजनाथ में इलाज किया जा रहा है।
एक बड़ी बात यह है कि उनका छोटा बेटा अभी मात्र 16 दिन का है, उनकी बेटी दीपांशी तीन साल की है। दोनों को अपने माता-पिता ने एक नया जीवनदान दिया। दो कमरों के इस मकान में एक कमरा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। डीएम रंजना राजगुरु को भी घटना की जानकारी दी गई।