सिटी बैंक को 425 करोड़ का चूना लगाने वाला शख्स गिरफ्तार, देहरादून में बाबा बनकर रह रहा था
देहरादून। सिटी बैंक को 425 करोड़ का चूना लगाने वाला मास्टर माइंड शिवराजपुरी को आखिरकार एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी ने शिवराजपुरी को उत्तराखंड के देहरादून से गिरफ्तार किया है। बता दें कि वो अपना नाम व हुलिया बदलकर-बदलकर रह रहा था। इस वजह से वो पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था। बताया जाता है उत्तराखंड में वह बाबा बनकर रहता था। इसे देखते हुए पुलिस आयुक्त केके राव ने एक महीने पहले सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने छानबीन करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, डीएलएफ फेज-पांच निवासी शिवराजपुरी ने सिटी बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर रहते हुए 425 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। दिसंबर 2010 के दौरान मामला सामने आया था। तमाम सबूतों व गवाहों के बयान के आधार पर गुरुग्राम की निचली अदालत ने उसे सजा सुना दी थी। निचली अदालत के फैसले को उसने ऊपरी अदालत में चुनौती दे दी थी। फिर उसे जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद कुछ समय तक ही वह समय पर अदालत में पेश हुआ था, लेकिन वर्ष 2018 से फरार चल रहा था।
उसके ऊपर गुरुग्राम पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया था। बता दें कि उसने अपना नाम व हुलिया बदल लिया था। वो उत्तराखंड के देहरादून में बाबा बनकर रहने लगा था। जिसे एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे भोंडसी जेल भेज दिया गया।
सजा
होने
के
बाद
भी
धोखाधड़ी
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
पिछले
साल
खेड़कीदौला
थाने
में
एक
शिकायत
दर्ज
हुई
थी।
शिकायत
के
मुताबिक
वह
सेक्टर-80
स्थित
कर्मालेक
लैंड
में
शिवकुमार
नाम
का
व्यक्ति
गोल्फ
खेलने
के
लिए
जाता
था।
कुछ
ही
दिनों
के
बाद
वह
वहां
का
कोच
बन
गया
था।
कोच
बनने
के
बाद
उसकी
जान
पहचान
वहां
आने
वाले
कई
लोगों
से
हो
गई
थी।
वह
सभी
से
कहता
था
कि
उसके
पिता
रघुराज
एक
कंपनी
चलाते
हैं।
यदि
वे
लोग
पैसा
लगाएं
तो
उन्हें
10
प्रतिशत
प्रति
माह
ब्याज
दिया
जाएगा।
उसने
यह
भी
कहा
था
कि
शेयर
बाजार
में
पैसा
लगाने
पर
अच्छी
आमदनी
होगी।
इसके
लिए
उसने
डीमेट
एकाउंट
खोला
था।
उसमें
कुछ
लोगों
से
लगभग
एक
करोड़
रुपये
जमा
करा
लिए
थे।
छानबीन
शुरू
करने
पर
पता
था
कि
शिवकुमार
का
असली
नाम
शिवराजपुरी
है।
यह
वही
शिवराजपुरी
है
जिसने
सिटी
बैंक
में
घोटाला
किया
था।
पुलिस
ने
कहा
सहायक
पुलिस
आयुक्त
प्रीतपाल
ने
बताया
कि
जमानत
पर
बाहर
आने
के
बाद
भी
उसने
कई
लोगों
के
साथ
धोखाधड़ी
की।
उसके
खिलाफ
तीन
मामले
दर्ज
हैं।
वह
कारोबार
में
निवेश
कराने
के
नाम
पर
धोखाधड़ी
करता
था।
लोगों
को
अच्छा
रिटर्न
दिलाने
का
लालच
देता
था।
जल्द
ही
प्रोडक्शन
वारंट
पर
लेकर
पूछताछ
की
जाएगी।
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