देहरादून न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

भारी बारिश के बाद उत्तराखंड में 4 नदियों ने बदला अपना रास्ता, पर्यावरणविद बोले- यह इंसानी करतूतों का नतीजा

उत्तराखंड में पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के बाद राज्य की प्रमुख नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है।

Google Oneindia News

देहरादून, 28 अक्टूबर। उत्तराखंड में पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के बाद राज्य की प्रमुख नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है। अब वन विभाग इससे होने वाले प्रभावों का आईआईटी रुड़की से अध्ययन कराएगा। 17 अक्टूबर से हुई भारी बारिश के बाद वन विभाग द्वारा किए गए विश्लेषण में पाया गया कि कुमाऊं, कोसी, गौला, नंधौर और डबका में उफनती नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है। कुछ क्षेत्रों में वह आबादी वाले इलाकों में प्रवाहित लोने लगी हैं। कई इलाकों नदियों के बदलते स्वरूप ने खनन और वन विभाग के कार्यों को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

rivers

नदियों के प्रवाह में बदलाव चिंताजनक
पश्चिमी सर्किल (उत्तराखंड) के मुख्य वन संरक्षक तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि नदियों के प्रवाह में बलाव हमारे लिए चिंता का विषय है। हमने आईआईटी रुड़की से उचित तकनीक का इस्तेमाल कर इन परिवर्तनों का बारीकी से अध्ययन करने के लिए कहा है। पाटिल ने कहा कि अपने सामान्य रास्ते पर बहने के बजाय वर्षा आधारित नदियों का पानी अब अपने पारंपरिक चैनक के माध्यम से बहता है, जिससे भारी नुकासन होता है।

यह भी पढ़ें: पेगासस मामले की जांच समिति में शामिल होने से कई लोगों ने किया इनकार, चिदंबरम बोले- इससे दुखी हूं

नदियों ने रास्ता नहीं बदला, उनके रास्ते को इंसानों ने किया बाधित

वहीं, पर्यावरणविद् हिमांशु ठक्कर का कहना है कि नदियों ने अपना रास्ता नहीं बदला है, या नए चैनल नहीं बनाए हैं। वे बस अपने स्थान पर बह रही हैं। नदी के किनारों पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि नदियों के किनारे अवैध निर्माण, कचरे और मानव मल का नदियों में निस्तारण, मानसून के दौरान होने वाले भूस्खलन के मलबे और चार धाम सड़क के मलबे को नदियों में डालने से नदियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
वहीं इतिहासकार और पद्म श्री विजेता शेखर पाठक ने बारिश के बाद हुई तबाही के पीछे अवैध निर्माण को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि नैनीताल से अल्मोड़ा तक तो सड़क बनाई गई, उससे कोसी नदी पर अतिक्रमण हुआ और जब बारिश आई तो सड़क पूरी तरह बह गई। अवैध और अवैज्ञानिक तरीके से पेड़ों और पहाड़ों को काटकर निर्माण करने से उत्तराखंड को बहुत नुकसान होगा।

Comments
English summary
4 rivers changed their course in Uttarakhand, environmentalist said - this is the result of human deeds
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X