केदारनाथ में नर कंकालों के ढेर मिलने पर खड़ा हुआ बड़ा राजनीतिक बवाल
देहरादून। केदारनाथ मंदिर तक ले जाने वाली एक ट्रैक के किनारे लगभग 60 कंकाल मिलने के बाद उत्तराखंड में राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए भाजपा ने अभियान छेड़ दिया है।
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7 अक्टूबर को ट्रैक के किनारे दिखे थे कंकाल
माउंटेनियरिंग एंड ट्रैकिंग एसोसिएशन के ग्रुप ने 7 अक्टूबर को त्रिजुगीनारायण मंदिर और केदारनाथ मठ के बीच के एक ट्रैक पर कंकालें देखी थीं। इस बारे में ट्रैकर्स ने बताया था कि लगभग 200 से अधिक कंकाल ट्रैक पर पड़े हैं। पुलिस ने इसके बाद ट्रैक पर जाकर देखा तो वहां कंकालें मिलीं।
सरकार ने 10 दिन के अंदर सर्च ऑपरेशन बंद किया था
2013 में केदारनाथ में बादल फटने की वजह से भारी तबाही मची थी और इस आपदा में 5000 से ज्यादा लोगों की जानें चली गईं और कई लोगों का पता ही नहीं चला।
उस समय कांग्रेस सरकार ने 10 दिन के अंदर सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया। अब भाजपा, कांग्रेस के इस फैसले पर सवाल उठा रही है। अगले साल उत्तराखंड में विधानससभा चुनाव है और उसे देखते हुए भाजपा इस मुद्दे को कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल करने की तैयारी में है।
भाजपा ने लगाए कांग्रेस पर आरोप
भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि ट्रैक के किनारे कंकाल मिलने से से पता चलता है कि सरकार ने जल्दबाजी में सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया जबकि लोग रास्तों में फंसे हुए थे।
भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'केदारनाथ घाटी में सर्च अभियान ठीक से नहीं चलाया गया। इस मामले में राज्य सरकार को जांच करवानी चाहिए। उसके बाद जिम्मेदारी तय कर अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।'
कांग्रेस ने दिए आरोपों के जवाब
कांग्रेस सरकार ने विपक्षी दल के हमले का जवाब देते हुए कहा है कि सर्च ऑपरेशन बंद करने का सवाल भाजपा को विजय बहुगुणा से पूछना चाहिए जो उस समय मुख्यमंत्री थे।
केदारनाथ आपदा के बाद कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को हटाकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद विजय बहुगुणा ने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
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