उत्तराखंड: 3 महीने में 133 गांवों में जन्मे 216 बच्चे, किसी भी घर में नहीं जन्मी बेटी
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गांवों से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर है। यहां बीते तीन महीने में 133 गांवों में 216 बच्चे पैदा हुए। मगर, किसी भी गांव में किसी परिवार के यहां बेटी नहीं जन्मी। यह बात स्वास्थ्य विभाग के सर्वे से उजागर हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, सभी जिलों में बच्चों के जन्म और लिंगानुपात दर से जुड़े सर्वे किया जा रहा है, इसी में यह मालूम चला कि 133 गांवों में एक भी बिटिया ने जन्म नहीं लिया।
इस
रिपोर्ट
के
पब्लिक
डोमेन
में
आते
ही
उत्तरकाशी
से
लेकर
देहरादून
तक
स्वास्थ्य
विभाग
व
प्रशासनिक
महकमें
में
हड़कंप
मचा
हुआ
है।
डीएम
आशीष
चैहान
ने
कहा
है
कि
वे
इसकी
जांच
कराएंगे।
उत्तरकाशी
में
लिंगानुपात
दर
बहुत
खराब
नहीं
है,
लेकिन
ताजा
मामला
कुछ
और
ही
बयां
कर
रहे
हैं।'
वहीं,
अब
सवाल
उठने
लगे
हैं
कि
कहीं
बेटियों
को
कोख
में
ही
तो
नहीं
मार
दिया
गया।
उनको
जन्म
लेने
से
पहले
ही
मौत
के
घाट
तो
नहीं
उतार
दिया
गया।
साथ
ही
सरकार
के
'बेटी
बचाओ-बेटी
पढ़ाओ'
जैसे
अभियान
और
योजनाओं
पर
भी
सवाल
उठने
लगे
हैं।
बिगड़ते लिंगानुपात की स्थिति सरकारी रिपोर्ट में जब से सामने आई है, विशेषज्ञ चिंतित हैं। वहीं, डॉ.आशीष चैहान का कहना है कि हमने संबंधित गांवों की आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है। इस मामले को लेकर आशा कार्यकर्ताओं से बात की है और ऐसा होने के कारणों की भी पड़ताल करने की कोशिश की जा रही है। डीएम ने बताया कि सभी संबंधित गांवों को रेड जोन में शामिल किया गया है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट नियमित रूप से मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
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