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उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से और भी दमदार हुई पतंजलि, अब तय करेगी जड़ी बूटियों के मूल्य

By Rahul Sankrityayan
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देहरादून। उत्तराखंड में अब पैदा होने वाली जड़ी बूटियों का खरीद मूल्य की घोषणा अब राज्य सरकार नहीं करेगी। यह फैसला त्रिवेंद्र सिंह रावत अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। अब से जड़ी बूटियों का दाम बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि तय करेगी। ऐसा पहली बार होगा कि जब राज्य सरकार ने जड़ी बूटियों का दाम तय करने का अधिकार एक निजी व्यावसायिक कंपनी को दे दिया। इसके साथ ही सरकार ने यह फैसला लिया है कि राज्य मे जो टूरिस्ट सेंटर बंद पड़े हैं उनका संचालन भी पतंजलि को सौंप दिया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से और भी दमदार हुई पतंजलि, अब तय करेगी जड़ी बूटियों के मूल्य

राज्य सरकार की ओर से यह फैसला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पतंजलि प्रमुख आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में लिया गया। सरकार और पतंजिल के बीच प्रस्तावित सहयोग कार्यक्रम की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान सीएम रावत ने सभी विभागों को इस आशय के निर्देश दिए कि जिन बिंदुओं पर सरकार और पतंजलि बीच सहमति बनी है उसके एमओयू की तैयारी की जाए।

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रावत ने कहा...

सीएम ने कहा कि जड़ी बूटी के उत्पादन और उनके खरीद फरोख्त के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जरूरी है। उन्होंने इस दिशा में पतंजलि की ओर से सहयोग किए जाने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को धन्यवाद दिया। सीएम ने यह भी कहा कि उत्तराखंड से पलायन रोकने,किसानों की आय बढ़ाने,स्वरोजगार के अवसर व आयुष ग्राम की स्थापना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सीएम ने लिखा - इसी क्रम में पतंजलि और उत्तराखंड सरकार के सहयोग कार्यक्रम की समीक्षा की गई और उपरोक्त विषयों की प्रगति पर चर्चा की गई।

बता दें कि किसी भी फसल या उत्पाद का न्यूनतम मूल्य कितना होगा इसका फैसला सरकार करती है ताकि किसानों को यह मिल सके लेकिन जड़ी बूटियों के मामले में इसका उल्टा हो रहा है। जड़ी बूटियों का समर्थन मूल्य सरकार खुद तय ना कर, इसका अधिकार आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली निजी व्यवासायिक कंपनी पतंजलि को दिया है। फैसला लिया गया है कि सरकार उन सभी जड़ी बूटियों की सूची पतंजलि को देगी जो राज्य में मौजूद हैं या जिनका उत्पादन होता है। इसके बाद पतंजलि इनके न्यूनतम क्रय मूल्य तय करेगी।

गोमूत्र पर भी हुआ समझौता

बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि पशुपालन विभाग और पतंजलि गोमूत्र व पशुचारे का आदान प्रदान करेंगे। कहा गया कि पशुपालन विभाग के पास गोमूत्र है, जबकि पतंजलि के पास पशुचारा। ऐसे म दोनों आपसी शर्ते तय कर गोमूत्र और पशुचारे का आदान प्रदान करें।

वहीं सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार बाबा की गोदी में बैठी नजर आ रही है। अगर हम इसी फैसले की बात करें तो कोई व्यापारी भला किसान को ज्यादा मूल्य क्यों देगी। जड़ी बूटी का मूल्य सरकार को तय करना चाहिए। सरकार के इस फैसले का विरोध भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) राज्य कमेटी सदस्य इंद्रेश मैखुरी ने भी किया।

मैखुरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इसका विरोध किया और कहा कि किसी भी उत्पाद का न्यूनतम मूल्य सरकार तय करती है। जड़ी बूटी का कारोबार करने वाली कंपनियों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वो किसानों को लाभ दें।

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English summary
Patanjali now decides the value of herbs in uttarakhand
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