पहली बार, दो महिला लड़ाकू अधिकारी सहायक कमांडेंट के रूप में ITBP में हुईं शामिल
ऐसा पहली बार हुआ है जब दो महिलाएं भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) में लड़ाकू अधिकारियों के रूप में शामिल हुई हैं।
देहरादून, 8 अगस्त। ऐसा पहली बार हुआ है जब दो महिलाएं भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) में लड़ाकू अधिकारियों के रूप में शामिल हुई हैं। अब तक, आईटीबीपी में महिला अधिकारी चिकित्सा शाखा में सेवारत थीं या शीर्ष क्षेत्रों में भारतीय पुलिस सेवा से प्रतिनियुक्ति पर थीं। आज मसूरी की आईटीबीपी अकादमी में आयोजित एक पासिंग परेड के दौरान प्रकृति और दीक्षा ने सहायक कमांडेट के रूप शपथ ली।
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एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें आईटीबीपी बटालियन में कंपनी कमांडर के तौर पर तैनात किया जाएगा। इन्होंने 26वें एसी-जीडी बेसिक कोर्स में 52 सप्ताह का बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया है। दोनों महिला अधिकारी तकनीकी स्नातक हैं। जहां प्रकृति एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और एक रिटायर्ड आईएएफ वारंट अधिकारी की बेटी हैं, वहीं दीक्षा ने बी.टेक किया है और वह आईटीबीपी में कार्यरत एक इंस्पेक्टर की बेटी हैं। दोनों को क्रमश: आईटीबीपी की 14वीं और दूसरी बटालियन में तैनात किया गया है।
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कुल मिलाकर आईटीबीपी अकादमी से पास आउट होकर देश को 53 सहायक कमांडेट मिले। परेड की समीक्षा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की। इस अवसर पर आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा एक पुस्तक, 'हिस्ट्री ऑफ आईटीबीपी' का भी विमोचन किया गया। ITBP ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 2016 में लड़ाकू अधिकारियों के रूप में महिलाओं को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
हालांकि महिलाओं को पिछले कुछ वर्षों से कांस्टेबल के रूप में शामिल किया जा रहा है। आईटीबीपी के कर्मियों की संख्या लगभग 83,000 है जिनमें से लगभग 1500 महिलाएं हैं। सहायक कमांडेट के रूप में आईटीबीपी में शामिल हुईं दीक्षा ने इस अवसर पर कहा कि मेरे पिता मेरे आदर्श हैं, उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया