पति को मौत के मुंह से निकालकर पीठ पर लादा और 3 किलोमीटर पैदल ही ले आई पत्नी
Chhattisgarh News in Hindi, छत्तीसगढ़। सामने एक तरफ मौत 'खड़ी' थी...। दूसरी तरफ 'सुहाग' था। पत्नी ने पलभर की भी देरी किए बगैर 'मौत' से लड़ गई। पति को जिंदा बचा लिया, मगर इसके बाद पति को तत्काल उपचार की जरूरत थी तो पत्नी ने फिर हिम्मत दिखाई और पति को पी पर लादकर तीन किलोमीटर तक पैदल ही अस्पताल पहुंच गई।
हर किसी को झकझोर देने वाला यह मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्रतापपुर इलाके का है। यहां एक पत्नी अपने पति को बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव लगा दी और पति को मौत के मुंह से जिंदा निकाल गई।
हुआ यह कि गांव चेन्द्रा निवासी सुनैना गुज्जर और उसका पति अजय कुमार गुर्जर गुरुवार को लकड़ाडाँड़ के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे। इसी दौरान झाड़ी में छुपे भालू ने अजय पर हमला कर दिया। हमला करने पर पति के चिल्लाने की आवाज सुनकर पत्नी दौड़कर वहां पहुंची और पति की जान बचाने के लिए भालू से भिड़ गई।
इस दौरान भालू ने सुनैना पर भी हमला किया, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारी। पति की जान बचाने के लिए करीब आधे घंटे तक भालू से संघर्ष करती रही। तभी मौका मिलते ही जख्मी पति ने भालू पर डंडे से हमला कर दिया। इससे वहां से भालू भाग निकला। भालू के हमले से पति अजय बुरी तरह से घायल हो गया है।
पति के बेहोश हो जाने पर सुनैना पति को पीठ पर लादकर लगभग 3 किलोमीटर पैदल चलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने दोनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में रैफर कर दिया है। फिलहाल दोनों का इलाज जारी है और दोनों खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। सुनैना गुज्जर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पत्नी अगर चाह जाए तो ईश्वर को भी पति के प्राण को वापस करना पड़ता है सावित्री बनी सुनैना ने भी भालू के हमले से अपने पति की जान बचा बचा ली।