मां ने गहने गिरवी रखकर जुड़वा बेटियों को खेलने भेजा, दोनों जीतकर लाईं मेडल और मां के गले में पहना दिए
कवर्धा (छत्तीसगढ़)। जब ये जुड़वा बेटियां पैदा हुईं थीं...तब कई लोग ताने मारने से भी बाज नहीं आए थे..., मगर अब दोनों ही नेशनल लेवल की प्रतियोगिता से पदक लेकर लौटीं और मेरे गले में पहनाए...तो ताने मारने वाले भी इनकी तारीफ करते दिखे। गर्व का ऐसा पल मैं ताउम्र नहीं भूल पाऊंगी...। यह कहना है कि बेसबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी सरिता कोसले और सविता कोसले की मां का।
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दरअसल, 13 जुलाई से असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित सब जूनियर बेसबॉल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेते सरिता कोसले और सविता कोसले ने पदक जीता है।
पिता करते थे खेलने से मना
कहानी इसलिए प्रेरणादायक है, क्योंकि इनके परिवार की आर्थिक हालत बेहद कमजोर है। यहीं नहीं बल्कि खुद इनके पिता दोनों को खेलने से मना किया करते थे, मगर सरिता व सविता की मां इनकी सबसे बड़ी ताकत बनी। दोनों बेटियों को पढ़ने-लिखने और खेलों में हिस्सा लेने का भरपूर अवसर दिया। बेटियों को खेल के लिए भेजने में मां ने खुद के गहने तक गिरवी रख दिए और रुपयों की व्यवस्था कर बेटियों को प्रतियोगिता में खेलने भेजा। पिता सब्जी मंडी में काम करते हैं।
दो घंटे पहले ही बस स्टैंड पहुंच गई मां
मां ने बेटियों को नेशनल खिलाड़ी में कोई कसर नहीं छोड़ी तो बेटियों ने भी जमकर मेहनत की और छत्तीसगढ़ बालिका टीम की ओर से खेलते हुए सिल्वर पदक जीता। 20 जुलाई को सभी खिलाड़ी असम से लौट आए। जब मां को कामयाब बेटियों के लौटने का पता चला तो वह 2 घंटे पहले ही बस स्टैंड पहुंचकर उनका इंतजार करती रही। दोनों बेटियों ने अपने मेडल मां के गले में पहनाए तो हर कोई खुशी के आंसू नहीं रोक पाया।
दसवीं में पढ़ती हैं दोनों बहनें
सविता और सरिता स्वामी करपात्रीजी स्कूल में दसवीं की छात्रा हैं। गुवाहाटी की प्रतियोगिता के सभी मैचों में दोनों बहनों ने शानदार प्रदर्शन किया। दोनों बहनें सालभर से प्रयास स्पोर्ट्स एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। अकेडमी के कोच राजा जोशी के अनुसार दोनों बहनों ने पहली ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कमाल कर दिखाया है।
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