IAS की प्रतिनियुक्ति के अधिकार पर केंद्र और राज्य के बीच नया विवाद.
रायपुर, 21 जनवरी। मोदी सरकार ने हाल ही में IAS (कैडर) नियमों में कुछ बदलाव का प्रस्ताव किया है। सुधारों के मद्देनजर किये जा रहे बदलावों से आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार की दखल अधिक हो जाएगी। अब यह विषय केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तनाव का रूप ले रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियमों में प्रस्तावित संशोधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी असहमति जताई है। बघेल ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि अगर नियमो में बदलाव किया जाता है, तो निकट भविष्य में इन नियमों के राजनीतिक दुरुपयोग की आशंका है।

नियमो में ना किया जाये कोई बदलाव:सीएम भूपेश
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियम को पहले जैसा ही बनाये रखने का आग्रह करते हुए लिखा है कि अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियमों में प्रस्तावित संशोधन से प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती है और अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो सकती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है कि अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में केन्द्र सरकार द्वारा संशोधन प्रस्तावित करते हुए उन संशोधनों पर राज्य सरकारों से अभिमत मांगा गया है। प्रस्तावित संशोधन केन्द्र सरकार को अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की पदस्थापना के अधिकार, एक पक्षीय रूप से बिना राज्य सरकार या संबंधित अधिकारी की सहमति के करते हैं, जो कि संविधान में अंगीकृत और रेखांकित संघीय भावना के विपरीत है।

निष्पक्ष चुनाव ना हो पाने का जताया अंदेशा
छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी कानून व्यवस्था, नक्सल हिंसा के उन्मूलन, राज्य के सर्वांगीण विकास और वनों के संरक्षण सहित विभिन्नमहत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
इन संशोधनों से अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों में जो कि जिलों से लेकर राज्य स्तर पर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ हैं, अस्थिरता और अस्पष्टता का भाव जागृत होना स्वाभाविक है। इससे अधिकारियों को अपने शासकीय दायित्वों को निभाने में असमंजस की स्थिति का सामना करना होगा और राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण निष्पक्ष होकर काम करना विशेषकर निर्वाचन के समय निष्पक्ष होकर चुनाव संचालन संभव नहीं होगा। जिससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती एवं अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो सकती है।

सीएम भूपेश बघेल ने राजनीतिक दुरूपयोग की जताई संभावना
मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा है कि निकट भविष्य में इन नियमों के दुरूपयोग की अत्यंत संभावना है। पूर्व में हुई कई घटनाओं में अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों को अनावश्यक रूप से लक्षित कर कार्यवाही किए जाने के उदाहरण मौजूद है। पूर्व में राज्य एवं केन्द्र सरकारों के बीच संतुलन एवं समन्वय के लिए वर्तमान नियमों में पर्याप्त प्रावधान हैं। छत्तीसगढ़ सरकार अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियमों में संशोधन का पुरजोर विरोध करती है एवं मांग रखती है कि पूर्वानुसार कैडर नियमों को यथावत रखा जाये।

क्या नियम बदलना चाहती है केंद्र सरकार ?
दरसअल मौजूदा नियमों के मुताबिक IAS अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार की ओर से होती है। अधिकारियों को कैडर दिया जाता है, जिसके आधार पर वह किसी राज्य में अपनी सेवाएं देते हैं। लेकिन जब केंद्र सरकार को अपने कामों के लिए IAS अधिकारियों की जरूरत पड़ती है, तब वह संबंधित राज्य सरकार से अधिकारियों की केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए सहमति मांगती है। बीते साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के प्रमुख सचिवों को एक पत्र लिखकर कहा था कि केंद्र सरकार के प्रतिनियुक्ति में पर्याप्त अधिकारी नहीं बचे हैं।
राज्य से कैडरों की ओर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए नहीं भेजा जा रहा है। अगर निर्धारित समय के अंदर कोई राज्य सरकार संबंधित अधिकारी को कार्यमुक्त करने में सफल नही रहती है, तो उसे खुद ही कार्यमुक्त मान लिया जाएगा।केंद्र सरकार ने इस पत्र के आधार पर राज्यों से संशोधनों पर सलाह भी मांगी थी। माना जा रहा है कि राज्यों से मिली सलाह के बाद केंद्र सरकार नियमों में फेरबदल करके बजट सत्र के दौरान संसद में पेश कर सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के अलावा कई अन्य राज्यों ने भी केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तावित बदलावों को लेकर अपनी असहमति जताई है।
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