छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से तबाही, 10 अप्रैल के बाद से हर दिन 100 से अधिक हो रही हैं मौतें
रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर से इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य भी त्राहि-त्राहि कर रहा है। यहां कोरोना से हालात ऐसे हैं कि सरकार ने 9 जिलों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया हुआ है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में नए संक्रमित मरीजों की संख्या 16083 रही और 138 मरीजों की मौत हो गई। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 10 अप्रैल के बाद से हर दिन कोरोना से 100 मरीजों की मौत हो रही है। रायपुर और दुर्ग जिले में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इन दो जिलों में कोरोना से होने वाली मौतें भी सबसे अधिक हैं, यहां के श्मशान घाटों में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं।
रायपुर के श्मशान घाटों में शवों की संख्या डरा रही है
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, राजधानी रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट के कार्यवाहक अनिल महानंद ने बताया है कि इन दिनों शवों की संख्या इतनी ज्यादा आ रही है कि पिछले पांच साल के अंदर कभी ऐसा नहीं आई। अनिल महानंद ने कहा कि ज्यादातर चिताएं ऐसी आ रही हैं, जिनके साथ या तो परिवार के लोग आते नहीं हैं और अगर जो आते भी हैं तो ज्यादा देर रूकते नहीं हैं, हर किसी में अपने जीवन को लेकर दहशत है।
छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर अपने उच्चतम स्तर पर
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2020 से कोरोना के चलते 5,442 मरीजों की मौत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल अक्टूबर में राज्य के अंदर मृत्यु दर 0.75 प्रतिशत थी, जो सबसे अधिक थी, लेकिन अप्रैल में मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत रही। छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना के एक्टिव केस के मामलों में तीसरा सबसे बड़ा राज्य है, जहां 15 अप्रैल तक 1,21,769 एक्टिव मरीज थे। छत्तीसगढ़ से पहले महाराष्ट्र और यूपी हैं।
अस्पतालों में शवों की पहचान तक नहीं हो रही है
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छत्तीसगढ़ में कई मीडिया रिपोर्ट्स ऐसी आई हैं, जिसमें ये दावा किया गया कि राजधानी रायपुर के कई अस्पातलों के शवगृह में ऐसे शव हैं, जिनकी पहचान तक नहीं हुई है। रायपुर के डॉक्टर बीआर अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल के शवगृह में एक कोरोना मरीज का शव दो महीने से ऐसे ही पड़ा है, जिसकी अभी तक पहचान नहीं हुई है। अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास परिसर में शवों को फेंकने के मामले सामने आए हैं।
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