छत्तीसगढ़ः घर तक नहीं पहुंची एंबुलेस तो स्वास्थ्य कर्मियों ने टोकरी से डोला बनाकर महिला को पहुंचाया
कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में गर्भवती महिला की मदद कर स्वास्थ्य कर्मियों ने मिसाल पेश की है। जिले के माकड़ी ब्लॉक मोहनबेड़ा गांव में गर्भवती महिला के पति ने महतारी एक्सप्रेस को फोन कर पत्नी के बारे में बताया, जिसके बाद 102 नंबर से ईएमटी और पायलट मोहनबेड़ा के लिए गए। लेकिन रास्ता इतना खराब कि आगे जाना संभव नहीं था। उसकी हालत नाजुक थी।
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इसके बाद ईएमटी और मोबनेड़ा दोनों 3 किलोमीटर पैदल चले। वहां गांव वालों से मदद मांगी, फिर टोकरी और रस्सियों से डोला बनाया। परिवार वालों की मदद लेकर खुद भी डोला उठाया और तीन किलोमीटर पैदल चले, गाड़ी तक लाए। इसके बाद सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां डिलीवरी कराई गई। महिला ने बच्ची को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ हैं।
102 महतारी एंबुलेंस गर्भवती को ले जाने पहुंची मगर करीब 3 किलोमीटर के रास्ते में एंबुलेंस को ले जा पाना मुमकिन नहीं था। एंबुलेंस के ड्राइवर और नर्स ने अंदर पैदल ही जाने की सोची। स्ट्रेचर नहीं था इसलिए बांस रस्सी के सहारे एक कांवड़ नुमा सवारी तैयार की। महिला को अस्पताल ले जाना जरूरी था इसलिए इसी कांवड़नुमा चीज पर बैठाकर महिला को एंबुलेंस तक लेकर आए। सुरक्षित तरीके से उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां महिला ने बेटी को जन्म दिया।
वहीं कोंडागांव के सीएमओ टीआर कंवर ने इस पूरे मामले पर कहा कि परिवार ने 102 को फोन किया था, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची। उस इलाके में किसी भी तरह के वाहन का पहुंचना मुश्किल है क्योंकि वहां कोई सड़क नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि महिला का प्रसव जिला अस्पताल में ही हुआ है। बच्चे और मां दोनों ही स्वस्थ हैं।
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