छत्तीसगढ़ हाईकोर्टः निजी स्कूल अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस वसूलेंगे, किसी भी तरह की फीस में बढ़ोत्तरी नहीं
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों के अभिभावकों से ली जाने वाली फीस पर फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य शासन के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि निजी स्कूल लॉकडाउन के दौरान फीस की वसूली स्थगित रखेंगे और शिक्षकों को वेतन देना सुनिश्चित करेंगे।
अधिवक्त आशीष श्रीवास्तव ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की एकल पीठ ने स्कूल फीस से जुड़े राज्य शासन के आदेश को निरस्त कर दिया है। लेकिन साथ ही स्कूलों और अभिभावकों दोनों को राहत देते हुए लॉकडाउन की अवधि में केवल ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने न्यायमूर्ति पी. सैम कोशी की एकल पीठ ने 9 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को फैसला सुनाते हुए पीठ ने फीस नहीं लेने संबंधी राज्य शासन के आदेश को निरस्त कर दिया और स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दे दी।
श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत ने निजी स्कूल संचालकों की ट्यूशन फीस लेने की मांग को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया है कि इसके अलावा अन्य किसी तरह की फीस अभिभावकों से नहीं ली जाएगी और न ही किसी भी कर्मचारी को नौकरी से हटाया जाएगा।
अदालत के आदेश के मुताबिक सभी ऑनलाइन क्लासेस चलते रहेंगे और स्कूल की फीस में किसी तहर की बढ़ोतरी नहीं होगी। अधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर के 22 निजी स्कूलों की संस्था 'बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन सोसायटी' ने अदालत में राज्य शासन के 22 अप्रैल 2020 के आदेश को भी चुनौती दी थी।
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