छत्तीसगढ़: विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को मिलेगी सरकारी नौकरी
रायपुर, 27 जून। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य में विशेष पिछड़ी जनजातियों के पढ़े-लिखे युवाओं को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीटर पर दी है। अगस्त 2019 में कांग्रेस सरकार ने इस संबंध में फैसला किया था,जिसपर रविवार को सीएम भूपेश बघेल ने जशपुर में घोषणा की थी ।

सोमवार को छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राज्य के बिलासपुर, मुंगेली, राजनांदगांव, कोरिया, कबीरधाम, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, रायगढ़, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, महासमुंद, नारायणपुर, सूरजपुर और बलौदाबाजार के जिलाधीशों को एक पत्र जारी करके कहा कि सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 27 अगस्त 2019 को जनजातीय सलाहकार परिषद की मीटिंग में विशेष पिछड़ी जनजातियों के शिक्षित और पात्र युवाओं का सर्वे कराकर नियुक्ति का निर्णय हुआ था।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel की घोषणा पर हुआ अमल।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 27, 2022
विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवाओं को योग्यतानुसार दी जाएगी शासकीय नौकरी,आदेश जारी।
छत्तीसगढ़ में निवासरत अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, पंडो एवं भुंजिया वर्ग के 9623 युवाओं को मिलेगा लाभ।#BhetMulakat pic.twitter.com/QRkx52mjln
आदेश के मुताबिक सर्वे के पश्चात इन जिलों के 9 हजार 623 शिक्षित युवाओं के लिए तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के खाली पदों पर "विशेष पिछड़ी जनजाति' के पात्र युवाओं को सीधी भर्ती देने की स्वीकृति प्रदान की गई है। भूपेश सरकार के इस बड़े कदम के साथ ही विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं की सरकारी नौकरी का मार्ग साफ़ हो गया है। इस प्रकार सभी कलेक्टरों पर अपने क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर जिले की सूची में शामिल विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी है।
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की पांच जनजातियों को केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति की श्रेणी में शामिल किया है।जिसमे अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर और बैगा जाति शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने पण्डो और भुजिया को इस इस श्रेणी में शामिल किया है। इस प्रकार से प्रदेश में कुल 7 जनजातियां विशेष पिछड़े समूह के तौर पर पहचानी गई हैं।
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