देश में पहली बार, छत्तीसगढ़ सरकार खरीदेगी गाय-भैंस पालकों से गोबर, कीमत इतनी रखी
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार ने चौंकाने वाला ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि, गाय-भैंस पालने वाले लोगों से कोरोना-लॉकडाउन के इन दिनों डेढ़ रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इस फैसले के बाद से गाय-भैंस पालने वाला तबका खुश हो गया है।
देश में पहली बार होने जा रहा ऐसा
ऐसा देश में संभवत: पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार गोबर खरीद रही है। कई जानकार इसे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिकी मजबूत करने का एक बड़ा प्रयोग मान रहे हैं।राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने खुद इस बारे में घोषणा की है। रवींद्र चौबे ने शनिवार को कहा, "हमने डेढ़ रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर ख़रीदने की अनुशंसा की है। इसे मंत्रिमंडल में पेश किया जाएगा। सब सही रहा तो गांव-देहात में 21 जुलाई, हरेली त्यौहार (हरियाली तीज) के दिन से गोबर ख़रीदी की शुरुआत की जाएगी।"
योजना का नाम 'गोधन न्याय योजना'
बता दें कि, राज्य सरकार ने 'गोधन न्याय योजना' के नाम से गोबर ख़रीदने का फ़ैसला पिछले महीने लिया था। हालांकि, गोबर ख़रीदी की दर क्या हो, इसे लेकर संशय था। बरहाल, यह तय है कि राज्य सरकार ने किसानों से डेढ़ रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर ख़रीदने का फ़ैसला कर लिया है। गोबर ख़रीदने के लिये हाल ही में राज्य सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया, जिसने गोबर ख़रीदी की दर पर अंतिम मुहर लगा दी।
डेढ़ रुपए में एक किलो गोबर लेंगे
कृषि मंत्री व समिति के अध्यक्ष रवींद्र चौबे के ऐलान से पहले इस योजना के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, पशु रखने के काम को व्यावसायिक रूप से फायदेमंद बनाने, सड़कों पर आवारा पशु की समस्या से निपटने और पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज़ से योजना महत्वपूर्ण है। वहीं, अब गोबर की ख़रीदी को लेकर राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गई है। ये समिति गोबर ख़रीदी के वित्तीय प्रबंधन पर रिपोर्ट तैयार कर रही है।
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अभी सरकार ने नहीं बताईं ये बातें
गौर करने लायक एक बात अभी यह है कि, सरकार ने अब तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि वो एक दिन में कुल कितना गोबर खरीदेगी और इस पूरी योजना में कुल कितना खर्च होगा? और ये खर्च कहां से आएगा, यह भी नहीं बताया गया है। सोशल मीडिया पर लोगों में चर्चा हो रही है कि, डेढ़ रुपए किलो भी गोबर खरीद जाए तो गरीबों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।