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नक्सली के लिए मौत का दूसरा नाम थे अलवर के अजीत सिंह यादव, तिरंगे लिपटकर पहुंचे घर

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अलवर। नक्सली हमले में राजस्थान का बहादुर बेटा अजीत सिंह यादव शहीद हो गए। अजीत सिंह राजस्थान के अलवर जिले के मांढण इलाके के गंडाला गांव के रहने वाले थे। मंगलवार को अंतिम सांस ली। अजीत सिंह यादव नक्सलियों के लिए मौत का दूसरा नाम थे। इन दिनों सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में हैड कांस्टेबल के पद पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तैनात थे। बुधवार को इनकी पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंच सकती है।

Alwar CRPF Jawan Ajit singh yadav martyred in Bijapur Chhattisgarh

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जानकारी के अनुसार दस फरवरी को सीआरपीएफ की बटालियन की बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई थी। मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए थे। वहीं, छह जवान घायल हो गए थे। इनमें से मंगलवार को अजीत सिंह यादव पुत्र महेन्द्र सिंह यादव ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

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इन्होंने मुठभेड़ में एक नक्सली को भी मार गिराया। बता दें कि अजीत सिंह यादव 1994 में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में भर्ती हुए थे। तब से वे नक्सलियों का सामना करते आ रहे हैं। लेकिन 10 फरवरी को वो नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में गोली लगने की वजह से शहीद हो गए। उन्हें सीने के दाएं तरफ गोली लगी थी।

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Alwar CRPF Jawan Ajit singh yadav martyred in Bijapur Chhattisgarh
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