एक झील जो बदलती है रंग!
सरगुजा, 19 जनवरी। छत्तीसगढ़ के सरगुजा मे मैनपाट, उल्टापानी समेत एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन इन दिनों एक झील लोगों के लिए उत्सुकता का विषय बनी हुई है। अम्बिकापुर के जिस झील के बारे मे कल तक बहुत कम लोगों को जानकारी रही होगी, अब उसकी एक खास खूबी के कारण अचानक से पर्यटक उसकी तरह खींचे चले जा रहे हैं। सुनने मे थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन चर्चा इस बात की है कि यह झील दिन मे दो बार रंग बदलती है।

दिन मे 2 बार रंग बदल रही है झील
इस बात पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन हाल के दिनों में लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करने वाली इस घटना का कारण अभी तक कोई नहीं पहचान पाया है। इस रंग परिवर्तन का कारण जानने के प्रयास में दूर-दूर से लोग झील को देखने आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक अंबिकापुर जिले मे सरगुजा और मैनपाट झील के बीच 15 किमी की दूरी पर पड़ने वाले बरगंवा गांव में एक झील है जिसका पानी सुबह और शाम को रंग बदल लेता है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि झील के पानी का रंग सुबह लाल और शाम को हरा हो जाता है।

झील की कहानी दूर-दूर तक चर्चाओं मे
ऐसा क्यों हो रहा है इस बात को लेकर कोई पुख्ता प्रमाण सामने नही आये हैं लेकिन रंग बदलने वाली झील की कहानी दूर-दूर तक चर्चाओं मे बनी हुई है।
चर्चाओं का असर यह है कि अब इसे देखने के लिए बड़ी संख्या मे लोग बरगांव पहुचने लगे हैं। बहरहाल झील को लेकर उठ रहे सवालों पर तर्कपूर्ण उत्तर कोई नही दे पाया है, लेकिन चर्चा है कि किसी प्रकार की भूमिगत रासायनिक गतिविधि के कारण पानी का रंग बदला हुआ दिख सकता है, या फिर मौसम के बदलाव की वजह से आंखों का भ्रम भी हो सकता है।

सरगुजा मे हैं कई अजूबे
बहरहाल वजह जो भी हो, छत्तीसगढ़ के सरगुजा से निकली यह चर्चा कौतूहल बनकर लोगों को बरगांव की इस अनोखी झील की तरफ खींच रही है।
सरगुजा में कई ऐसे स्थान हैं, जो अपनी अद्भुत खूबियों के कारण हमेशा से चर्चा मे बने रहे हैं। उनमें से एक टिनटिन पत्थर है। जिसे पीटने से अद्भुत आवाज आती है। इसके अलावा मैनपाट के पास उल्टा पानी नाम का एक स्थान है। जहां पानी गुरुत्वाकर्षण के नियमों से विपरीत नीचे से ऊपर की तरफ बहता है। इसी प्रकार दलदली नाम की एक जगह भी है, जहां जमीन स्पंज की तरह है।
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