MP : गांव चपरन में बिजली के बिल देख ग्रामीणों को लगता है 'करंट', वजह है चौंका देने वाली VIDEO
Chhatarpur News, छतरपुर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान सूबे का एक गांव चर्चा में आया था। नाम था चपरन। इस गांव ने मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया था। अब इसी गांव में अनूठा मामला सामने आया है। तार उसी चुनाव बहिष्कार के ऐलान से जुड़े हैं। ताजा मामला ये है कि चपरन गांव में बिजली के बिल देख ग्रामीणों के करंट लग रहा है, क्योंकि यहां बिना कनेक्शन के ही बिजली के बिल आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र की सरसेड़ पंचायत के गांव चपरन दर्जनों ग्रामीणों ने घरेलू विद्युत कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन इनके घरों में कनेक्शन नहीं किया गया। इसके बावजूद विभाग ने अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर माह में बिजली का उपभोग दर्शाकर हजारों रुपए के बिल भेज दिए। बिना बिजली के बिल देख ग्रामीणों का माथा ठनक गया। मानों बिल देख करंट ही लग गया।
इन्होंने किया था आवेदन
गांव की ममता देवी कुशवाह, गिरजा देवी कुशवाहा, रामदीन कुशवाहा, रमकुवार देवी कुशवाहा, रामदेवी रैकवार, कैलाश भदौरिया, भुजबल भदौरिया, भज्जू रैकवार, पुष्पा देवी कुशवाहा, इमरत देवी कुशवाहा, हरिकिशन भदौरिया, संगीता देवी कुशवाहा आदि ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था।
चुनाव 2018 बहिष्कार के ऐलान के बाद की घोषणा
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 (madhya pradesh election 2018 ) में सड़क-विद्युत न होने पर इस गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था। इस संबंध में गांव में बैनर पोस्टर लगा कर विरोध भी किया था। वोटों के चक्कर में उस समय गांव में बिजली के मीटर तो लगा दिए गए, लेकिन बिजली और तार अभी भी मीलों दूर हैं।
बिना कनेक्शन के बिजली बिल आने की करवाएंगे जांच
अधि.यंत्री विद्युत मंडल संजय निगम छतरपुर का कहना है कि बिना विघुत कनेक्शन के बिल दिये हैं। मामले को दिखवाते हैं। यदि कटिया डालकर बिजली जला रहे होंगे तो बिल दिया जाएगा। ओआईसी अनिल खरे हरपालपुर का कहना है कि किसान शिकायत लेकर आये थे। उनके बिल माइनस किए जाएंगे। बाकी हम जांच करवाते हैं।
हवा की सरकार हवा में जारी कर रही बिल
इस मामले में भाजपा जिला अध्यक्ष और खजुराहो लोकसभा के पूर्व सांसद जितेंद्र सिंह बुंदेला से बात कि तो उन्होंने मध्यप्रदेश कि कमलनाथ कांग्रेस सरकार को किसान विरोधी सरकार करार देते कहा कि जब बिजली आई नहीं, कनेक्शन हुआ नहीं, बिजली जली नहीं तो फिर बिल किस बात का। ऐसा लगता है कि हवा की सरकार की हवा में लाइट के हवा में बिल आ रहे है।