VIDEO : यहां पहली बार घोड़ी पर बैठा दलित दूल्हा, पुलिस साये में निकली बारात, देखते रह गए दबंग
Chhatarpur News, छतरपुर। आज़ादी के कई दशक गुजर जाने के बाद भी मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचल में सामंतवाद और दबंगों का खौफ है। शायद यही वजह है कि दलितों पर अत्याचार एवं भेदभाव के नित नए मामले सामने आ रहे हैं।
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पुलिस सुरक्षा की मांग की थी
ताजा मामला छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र के काकुनपुरा गांव में शुक्रवार संभवतया पहली बार किसी दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात निकली है। हालांकि यह बारात भी पुलिस के साये में निकाली जा सकी है। दूल्हे के पिता द्वारा शादी के दौरान गांव के दबंगों व असामाजिक तत्त्वों द्वारा शादी में रुकावट पैदा करने के मकसद से मारपीट की आशंका जताते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। इस संबंध में उसने छतरपुर पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह को आवेदन दिया था।
कोई अप्रिय घटना नहीं हुई
टीआई रामबाबू चौधरी के अनुसार सुगर उर्फ शशि अहिरवार पिता श्रीपत अहिरवार निवासी काकुनपुरा की बारात छतरपुर जिले गांव दलौन जानी थी। दूल्हे के परिजनों की ख्वाहिश थी कि वे अपने बेटे की बारात रवानगी के समय उसे घोड़ी पर बैठाकर गांव में उसकी निकासी निकाले, लेकिन दबंगों का खौफ था। गांव में आज तक कोई दलित दूल्हा घोड़ी सवार हुआ था। ऐसे में दूल्हे के परिजनों ने पुलिस सुरक्षा मांगी। इस पर बारात निकासी के दौरान पुलिस मौजूद रही, जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
घोड़ी पर दूल्हा, बाइक पर पुलिसवाले
दूल्हा शशि जब घोड़ी पर सवार होकर गाजे-बाजे से घर से रवाना हुआ तो पुलिस वाले हथियारों से लैस होकर बारात के साथ साथ चल रहे थे। पुलिस वाले बाइक पर और दलित दूल्हा घोड़ी पर। साथ में गाजे-बाजे से नाचते लोग।
शशि ने खोल दिया रास्ता
19 अप्रैल को शशि की शादी हुई। परिवार ने अपने बेटे की घुड़चढ़ी का ख्वाब पूरा किया तो अन्य परिवारों की भी राह आसान हो गई जो अपने बेटे को घोड़ी पर बैठाकर बारात निकालने का ख्वाब पाले हुए हैं। इस गांव में दबंगों के खौफ के बावजूद शशि का पहला परिवार है, जिसने यह हिम्मत दिखाई और पुलिस सुरक्षा पाकर अपने सपना पूरा किया है।