तमिलनाडु: 9 परिवहन ट्रेड यूनियन आज से हड़ताल पर, 80% सरकारी बस सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
तमिलनाडु: 9 परिवहन ट्रेड यूनियन आज से हड़ताल पर, 80% सरकारी बस सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
चेन्नई: तमिलनाडु के नौ ट्रांसपोर्ट ट्रेड यूनियन आज से यानी 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। तमिलनाडु परिवहन कर्मचारी संघ ने बुधवार को इस बात की घोषणा की और कहा कि राज्य में नौ ट्रांसपोर्ट ट्रेड यूनियन गुरुवार से अनिश्चितकालिन हड़ताल शुरू कर रहे हैं। ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि इस हड़ताल के दौरान 80 प्रतिशत सरकारी बस सेवाएं प्रभावित होंगी। तमिलनाडु में आज होने वाली बस हड़ताल में नौ यूनियनों से जुड़े लगभग एक लाख कर्मचारी भाग लेंगे। राज्य में 21 हजार सरकारी बसे हैं। वहीं राज्य के परिवहन निगम को पूरा भरोसा है कि बंद का असर सरकारी बसों पर नहीं दिखने वाला है। उन्होंने कहा है कि बिना किसी देरी के सभी बसें नियमित रूप से चलाई जाएंगी क्योंकि सीपीआई , सीपीएम और डीएमके जैसी विपक्षी पार्टियों के कर्मचारी ही हड़ताल पर जा रहे हैं।
हड़ताल पर जा रहे नौ यूनियनों द्वारा एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), भारतीय व्यापार संघों (CITU), हिंद मजदूर सभा (HMS), और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस सहित नौ यूनियनों एआईटीयूसी ने कहा कि हड़ताल महानगरीय परिवहन निगम सहित आठ राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) को कवर करेगी।
भारतीय व्यापार संघ के अरमुग नैनर ने कहा कि तमिलनाडु सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लंबित टर्मिनल लाभ को मंजूरी देने और वेतन बढ़ाने सहित अन्य मांगों पर कोई कदम नहीं उठा रही है, इसलिए हमने हड़ताल की ऐलान किया है। यूनियनों ने सरकार ने मांग की है कि वेतन में संशोधन हो, भविष्य निधि और अन्य सेवानिवृत्त श्रमिकों का बकाया चुकाया जाए, बजट में परिवहन निगम के नुकसान का कवरेज किया जाए और परिवहन विभाग की समग्र स्थिति में सुधार की जाए।
वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हड़ताल के आह्वान पर भी निराशा व्यक्त की है। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि दोनों पक्षों के बीच फिलहाल अभी बातचीत जारी है। ऐसे में हड़ताल करना उचित नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच अभी सिर्फ तीन राउंड ही चर्चा हुई है। राज्य सरकार ने भी भरोसा दिलाया है कि वो यूनियन की मांगों पर विचार करेगी।
इस बीच पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने सरकार से इस मुद्दे पर एक सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने का अनुरोध किया है। बता दें कि तमिलनाडु में सरकारी बसें हर दिन 80 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती है। तो अगर ये एक दिन के लिए भी बंद होता है तो कम से कम 10 से 16 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
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