तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीसामी के विश्वास मत को डीएमके नेता स्टालिन ने बताया असंवैधानिक
तमिलनाडु विधानसभा में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ई के पलानासामी ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। पर इसके बावजूद तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन का दौर शुरु हो गया है।
चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ई के पलानासामी ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। पर इसके बावजूद तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन का दौर शुरु हो गया है। तमिलनाडु विधानसभा में गुप्त मतदान की मांग को लेकर हंगामे की वजह से सदन से बाहर किए गए विपक्षी पार्टी डीएमके के नेता एमके स्टालिन ने इस विश्वास मत प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया है।
विपक्ष और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को पत्र लिखकर लोकतांत्रिक मूल्यों को फिर से स्थापित कराने की गुजारिश की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने एजेंडे के तहत डीएमके की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री ई के पनालीसामी ने विश्वास मत जीतने का ऐलान कर दिया, जोकि असंवैधानिक है।
इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री ई के पलानासामी के विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। पुलिस और मार्शल पर हमले का आरोप लगाने वाले विपक्ष के नेता एमके स्टालिन राज्यपाल से मिलने के बाद भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
डीएमके के कार्यकारी प्रमुख एम के स्टालिन अपने समर्थकों के साथ मरीना बीच स्थित गांधी प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और धरने पर बैठ गए। यहां धारा 144 लागू होने की वजह से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
डीएमके नेता स्टालिन ने यह भी दावा किया कि उनके साथ हाथापाई भी की गई है। एमके स्टालिन जब सदन से बाहर निकले तो उनकी कमीज के बटन खुले हुए थे।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री ई के पलानासामी के विश्वास मत हासिल करने पर कहा कि यह वैध या अवैध इसका फैसला अब तमिलनाडु की जनता करेगी।
Read More:सत्ता और AIADMK पर कब्जा करने के लिए शशिकला ने कैसे जयललिता की पसंद को किया दरकिनार