शख्स ने खुद को बताया जयललिता का बेटा, कोर्ट ने दी जेल भेजने की धमकी
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश आर महादेवन ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मैं इस शख्स को सीधे जेल भेज सकता हूं। मैं पुलिसवालों से कहूंगा कि वो इस शख्स को इसी वक्त जेल लेकर जाएं।
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद अचानक ही एक शख्स ने उनका बेटा होने का दावा किया है। उसने मामले में एक याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की थी, जिसमें सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दावा करने वाले शख्स को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने आरोपी शख्स को जेल भेजने की भी धमकी दी है। पिछले साल 5 दिसबंर को जयललिता के निधन हो गया था, इस बीच ये शख्स सामने आया जिसने उनका बेटा होने का दावा किया है। मामला कोर्ट पहुंचा, जहां इस शख्स को कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
हाईकोर्ट के जज ने लगाई फटकार
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश आर महादेवन ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मैं इस शख्स को सीधे जेल भेज सकता हूं। मैं पुलिसवालों से कहूंगा कि वो इस शख्स को इसी वक्त जेल लेकर जाएं। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का गुप्त बेटा होने का दावा करने वाले शख्स की पहचान जे कृष्णमूर्ति के तौर पर हुई। उसने कोर्ट में कहा कि वह पूर्व सीएम जयललिता और दिवंगत तेलुगु अभिनेता शोभन बाबू का बेटा है। उसने कोर्ट में कुछ दस्तावेज भी रखे हैं जिससे साबित हो सके कि कथित तौर पर उसे गोद लिया गया था। कृष्णमूर्ति ने कोर्ट से अपील की थी कि उसे तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का बेटा घोषित किया जाए, जिससे कि वो उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी बन सके, इस संपत्ति में जयललिता का निवास स्थान पोएस गार्डन भी शामिल है। इतना ही नहीं दावा करने वाले शख्स ने कोर्ट से मांग की थी कि डीजीपी को उसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरुरी निर्देश दिया जाए। कृष्णमूर्ति ने जयललिता के करीबियों और एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला से अपनी जान को खतरा भी बताया था।
शुक्रवार को मामला कोर्ट के सामने आया तो जस्टिस महादेवन ने जे कृष्णमूर्ति के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति ने जो दस्तावेज दिए हैं वो कहीं प्रमाणित नहीं लगते हैं। उन्होंने जमा कराए गए दस्तावेजों को जाली करार दिया। साथ ही कृष्णमूर्ति पर खासा नाराज नजर आए। जस्टिस महादेवन ने कहा कि क्या लगता है कोई भी यूं ही आएगा और पीआईएल दाखिल कर लेगा? उन्होंने कहा कि जयललिता का बेटा होने का दावा करने वाले शख्स के दस्तावेज फर्जी हैं। अगर ये असली हैं तो इनके ओरिजिनल दस्तावेज कहां हैं? उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के साथ कोई खेल नहीं खेलें। याचिकाकर्ता का दावा है कि उसका जन्म 1985 में हुआ। इसके एक साल बाद इरोड के रहने वाले वसंतमणि नाम के शख्स के परिवार ने उसे गोद ले लिया। वसंतमणि के बारे बताया गया कि वो कथित तौर पर 80 के दशक में पूर्व सीएम एमजी रामचंद्रन के घर में काम कर चुका था। फिलहाल कोर्ट ने कृष्णमूर्ति के दावे को खारिज कर दिया है।
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