शहीद के पलानी: 4 मिनट के आखिरी फोन कॉल पर पत्नी से कही थी यह भावुक बात
रामनाथपुरम। लद्दाख में चीनी सेना के साथ झड़प में तमिलनाडु के रामनाथपुरम के रहने वाले 40 वर्षीय जवान के पलानी भी शहीद हो गए। उन्होंने लोन लेकर घर बनवाया था। देश की रक्षा के लिए 3 जून को अपने जन्मदिन की पार्टी और गृह प्रवेश का समारोह भी छोड़ दिया था। घरवाले उनके आने का इंतजार कर रहे थे। वो एक साल के अंदर रिटायरमेंट लेकर नए घर में परिवार के साथ रहने जाने वाले थे, लेकिन 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच हुई झड़प में वो शहीद हो गए।
आखिरी बार पत्नी से 4 मिनट की बातचीत में कही थी ये भावुक बात
लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक हमले में भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। तमिलनाडु के रामनाथपुरम के रहने वाले जवान हवलदार के. पलानी उन तीन सैनिकों में शामिल थे जिनके शहीद होने की खबर 16 जून को दिन में आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 जून को के. पलानी का जन्मदिन था। वो 40 वर्ष के हुए थे। इसी दिन उनके नए घर का गृह प्रवेश था, लेकिन देश सेवा के लिए वह घर नहीं आए थे। के. पलानी ने अपनी पत्नी वानाथीदेवी (33) को 1 जून को आखिरी बार कॉल किया था, चार मिनट की बातचीत में उन्होंने पत्नी से कहा था, 'हमें सीमा पर ले जाया जा रहा है, इसलिए अब तुम्हारा मुझसे संपर्क नहीं हो पाएगा... चिंता न करना।'
फोन पर सुने थे गणपति मंत्र
पति-पत्नी के बीच यह आखिरी बातचीत थी। इसके दो दिन बाद 3 जून को घर में के. पलानी का जन्मदिन मनाया गया और गृह प्रवेश भी हुआ। शहीद के ससुर ने बताया, गृह प्रवेश के दिन के पलानी ने उन्हें फोन किया था, उन्होंने फोन पर ही गणपति मंत्रों को सुना। उन्होंने कहा कि भले ही वह वहां मौजूद नहीं हैं, लेकिन अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रहे हैं। राजस्थान में सेना के क्लर्क और पलानी के भाई इधायकानी ने मंगलवार सुबह 9 बजे परिवार को उनके शहीद होने की खबर दी तो परिवार टूट गया। खबर सुनते ही पत्नी बेहोश हो गई। घर में रिश्तेदार और दोस्त जमा होने लगे और परिवार को सांत्वना देने लगे।
18 वर्ष की उम्र में ज्वॉइन की थी आर्मी
के. पलानी तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। माता-पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वह केवल 10वीं तक ही पढ़ पाए थे। 18 की उम्र में उन्होंने आर्मी ज्वॉइन कर ली। उसके बाद डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए 12वीं पास की और बीए की डिग्री ली। उनकी पत्नी 33 बरस की हैं और एक प्राइवेट कॉलेज में क्लर्क हैं। पलानी करीब छह महीने पहले आखिरी बार अपने घर आए थे। इस दौरान उन्होंने छोटी सी जमीन खरीदी थी, छुट्टियों में उन्होंने उस जमीन पर घर के लिए नींव डलवाई।
घर बनाना था सपना, पत्नी के गहने गिरवी रख लोन की इंस्टॉलमेंट भरी थी
पलानी के दोस्त बताते हैं, ''बहुत भागा-दौड़ी करके उन्होंने घर बनाने के लिए लोन लिया था। ये घर उनका सपना था। उन्होंने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर लोन की शुरुआती इंस्टॉलमेंट भरी। वो एक साल के अंदर रिटायरमेंट लेना चाहते थे। उनकी प्लानिंग थी कि रिटायरमेंट के बाद जो पैसे उन्हें मिलेंगे उससे वो घर की किश्तें भरेंगे और परिवार के साथ रहेंगे।''
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