AIADMK लोकसभा चुनाव में नहीं करेगी गठबंधन, लडे़गी अकेले चुनाव
चेन्नई: आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम( एआईएडीएमके) आगामी लोकसभा चुनाव अकेले मैदान में उतर सकती है। तमिलनाडु के कार्पोरेशन मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता सेल्लूर के. राजू ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु की सभी 39 सीटों और पड़ोसी राज्य पांडिचेरी में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उनकी टिप्पणी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी के बयान के दो दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु के हितों के साथ विश्वासघात करने वालों के साथ उनकी पार्टी हाथ नहीं मिलाएगी।
10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा के दरवाजे गठबंधन के लिए हमेशा खुले हैं। पीएम मोदी की इस बात से एआईएडीएमके के कुछ नेता नाराज हो गए थे. लोकसभा में कई महत्वपूर्ण बिलों को पास करने में पार्टी ने भाजपा की मदद की है।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(डीएमके) के प्रमुख एमके स्टालिन ने 11 जनवरी को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनकी भाजपा के साथ गठबंधन कभी नहीं करेगी। एआईएडीएमके के भीतर राजू को इस पर समर्थन मिला है. इस मामले से परिचित लोगों का कहना है कि लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई के नेतृत्व में पार्टी का एक तबका बीजेपी के साथ किसी भी चुनावी समझौते का का विरोधी रहा है।
कदंबूर राजू ने शुक्रवार को मीडिया से कहा था कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तमिलीसाई सुंदरराजन को हमारी सरकार की आलोचना करना बंद करना चाहिए; उनकी पार्टी को आगामी चुनावों में अपनी ऊर्जा NOTA(वोट) से अधिक वोट हासिल करने में लगानी चाहिए। राजू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुंदरराजन ने कहा कि भाजपा एक मजबूत गठबंधन बनाएगी और तमिलनाडु के लोग पार्टी को नहीं गिरने देंगे।
वहीं तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम जिनका झुकाव भाजपा की तरफ है ने गठबंधन के सवाल पर मदुरै में मीडिया से कहा कि एक बार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाए, हम अपना फैसला बता देंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद कुछ भी हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एआईएडीएमके ये धमकी इसलिए दे रही है ताकि वो सीट के बंटवारे में मजबूती के साथ सौदा कर सके।