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छठे चरण से पहले पीएम मोदी के राजीव गांधी पर हमले के पीछे क्या है रणनीति?

By बिजेंद्र शर्मा
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चंडीगढ़। आखिर ऐसा क्या है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीच चुनावों में कांग्रेस नेता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमलावर हो गये हैं। यह सवाल इन दिनों सियासी हल्कों में खूब चर्चा में आ रहा है। यही नहीं अब केन्द्र सरकार ने ब्लैक लिस्ट में डाले गये लोगों को सूची से हटाकर सिक्खों को बड़ी राहत दी है। आमतौर पर भारतीय समाज में किसी मारे गये इंसान के प्रति सम्मानजनक भावना ही रखी जाती है। लेकिन मोदी के हमलावर होने के बाद अब भाजपा ने अपने सोशल मिडिया सेल को भी इस मामले पर काफी सक्रिय कर दिया है।

क्या है रणनीति?

क्या है रणनीति?

एक सुनियोजित तरीके से राजीव गांधी पर हमला कर कांग्रेस को घेरने की रणनिति अमल में लाई गई है। यह सब यूं ही नहीं हो रहा। इसके पीछे भाजपा की रणनीति है। बोफोर्स के बहाने कांग्रेस को घेरकर सिक्ख दंगों की याद को ताजा किया जा सके। बताया जा रहा है कि पांच चरणों के चुनाव संपन्न होने के बाद मतदान के प्रति मतदाताओं की ओर से दिखाई जा रही बेरूखी के चलते भाजपा में बेचैनी बढ़ी है। दो चरणों में जहां चुनाव होने बाकी हैं। वहां सिक्ख मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। पंजाब की 13 सीटों व दिल्ली की सात सीटों पर चुनाव होना बाकी है। इसके साथ ही हरियाणा की दस सीटों पर भी चुनाव होना बाकी है। हालांकि पंजाब में इस बार न तो भाजपा न ही उसके सहयोगी दल शिरोमणी अकाली दल के लिये महौल अनूकूल है। भाजपा के लिये अब एक एक सीट का महत्व बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि मोदी एक सोची समझाी रणनिति के तहत राजीव गांधी को मुद्दा बना रहे हैं। ताकि सिक्खों को 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के बहाने गोलबंद किया जा सके। दिल्ली व पंजाब में सिक्ख दंगे एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। कांग्रेस के प्रति आज भी सिक्खों में गुस्सा है। इसी बहाने मोदी एक बार फिर सिक्ख दंगो की याद दिलाकर कांग्रेस को घेरने में लगे हैं।

चौकीदार चोर है की तोड़

चौकीदार चोर है की तोड़

दरअसल, कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी चौकीदार चोर है के नारे से मोदी को लगातार घेर रहे हैं। मोदी ने इसके जवाब में राजीव गांधी पर तंज कसते हुए उन पर भ्रष्टाचारी नंबर वन कहकर हमला बोला। झारखंड रैली में मोदी ने कहा था, आपके (राहुल गांधी) पिताजी (राजीव गांधी) को आपके राजदरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया। राजीव को करप्ट बताना मोदी का चौकीदार चोर है का जवाब माना जा रहा है। उसके बाद सोमवार को मोदी ने कांग्रेस को आगे का चुनाव राजीव गांधी के नाम पर लड़ऩे की चुनौती भी दे डाली। तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के कार्यकाल में करप्शन का आरोप लगाकर मोदी ने बोफोर्स के कथित घोटोले के मुद्दे को एक बार फिर हवा दी है। इसे राफेल की बहस को बोफोर्स पर शिफ्ट करने की मोदी की रणनीति भी मानी जा रही है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राफेल डील में घोटाले का दावा कर भाजपा पर लगातार हमले कर रही।

सिक्खों को रिझाने की कवायद

सिक्खों को रिझाने की कवायद

उधर, गृह मंत्रालय ने भारतीय मूल के उन लोगों की ब्लैक लिस्ट को समाप्त कर दिया है जिन्होंने भारत में कथित उत्पीडऩ की याचिका के तहत विदेश में शरण ली थी। इनमें अधिकतर सिख थे। भारतीय मिशन इस तरह की सूची रखते हैं। अब ऐसे लोगों को नियमित वीजा और भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड भी दिए जाएंगे। भारतीय मूल के शरणार्थियों को भारतीय मिशनों ने वीजा देने से इनकार कर दिया था और तब से उन्होंने भारत में कथित उत्पीडऩ की बात कहकर विदेश में शरण ली थी। अब ऐसे शरणार्थी और उनके परिवार के सदस्य, जो भारत सरकार की मुख्य प्रतिकूल सूची में नहीं हैं, उन्हें उस देश के विदेशियों के अनुसार वीजा और वाणिज्यिक सेवा दी जाएगी जिसमें वे रहते हैं। इस तरह के भारतवंशियों में अधिकतर सिख हैं। जाहिर है यह सिक्खों को रिझााने की कवायद ही है।

चंडीगढ़ लोकसभा सीट के बारे में जानिए

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English summary
Why pm modi made rajeev gandhi issue before sixth phase of election
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