देश के सबसे बुजुर्ग सीएम प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक सफर पर एक नजर
पंजाब में भाजपा-अकाली दल का चेहरा 90 साल के प्रकाश सिंह बादल हैं। बादल 1947 से सक्रिय राजनीति में हैं। वो देश के सबसे उम्रदराज सीएम हैं। बादल अकेले नेता हैं, जो पांच बार पंजाब के सीएम बने हैं।
पंजाब। अपनी उम्र के 90वें साल में दाखिल हो चुके प्रकाश सिंह देश के बुजुर्ग मुख्यमंत्री हैं। उनसे काफी कम उम्र के नेता आज जहां अपनी पार्टियों में मार्गदर्शक बना दिए गए हैं, वहीं वो ना सिर्फ सक्रिय राजनीति कर रहे हैं बल्कि अपनी पार्टी का सबसे अहम चेहरा भी हैं। 70 साल का राजनीतिक करियर रखने वाले प्रकाश सिंह बादल के नाम पर राजनीति के कई रिकॉर्ड हैं। बादल आने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में बादल एक बार फिर अकाली दल का अहम चेहरा हैं। वो अकाली-भाजपा के पंजाब में सीएम पद के चेहरे हैं। वो लंबी विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
90 साल की उम्र में प्रकाश सिंह बादल बतौर सीएम कंडिडेट पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस उम्र में भी उनकी भाग-दौड़ देखने लायक है। बादल की राजनीति भारत की आजादी के जितनी ही पुरानी है। 8 दिसम्बर 1927 को पंजाब के गांव अबुल खुराना में जन्में प्रकाश सिंह बादल 1947 में महज 20 साल की उम्र में सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति के मैदान में आ गए। इसके बाद 1957 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे। 1969 में दोबारा विधायक बने। 1969-70 में मंत्री भी बनें। पहली बार 1970-71 में पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने कांग्रेस से राजनीतिक सफर की शुरुआत की लेकिन बाद में उन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए और शिरोमणि अकाली दल में आ गए।
पांच
बार
बन
चुके
पंजाब
के
सीएम
1970-71
के
बाद,
177-80,
1997-2002
में,
चौथी
बार
2007
में
और
फिर
2012
में
पांचवी
बार
पंजाब
के
सीएम
बने।
पांच
बार
पंजाब
के
सीएम
बनने
वाले
वो
इकलौते
नेता
है।
वो
1972,
1980
और
2002
के
चुनावों
में
हार
के
बाद
पंजाब
विधानसभा
में
विपक्ष
के
नेता
भी
रहे
हैं।
प्रकाश
सिंह
बादल
ज्यादा
पंजाब
की
राजनीति
में
ही
सक्रिय
रहे।
हालांकि
1977
में
मोरारजी
देसाई
की
सरकार
में
वो
केंद्र
में
भी
कुछ
समय
के
लिए
मंत्री
रहे
हैं।
वो
1995
से
2008
तक
शिरोमणि
दल
के
अध्यक्ष
भी
रहे।
अब
उनके
बेटे
अध्यक्ष
हैं।
प्रकाश सिंह बादल को 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। प्रकाश सिंह बादल के परिवार का पंजाब की राजनीति में असर इस बात से देखा जा सकता है कि उनके इकलौते बेटे पंजाब के उपमुख्यमंत्री हैं और अकाली दल के मुखिया हैं। जबकि उनकी बहू हरसिमरत कौर बादल इस समय केंद्र सरकार में मंत्री हैं। 70 साल के राजनीतिक करियर में बादल को जेल भी जाना पड़ा है। उन्होंने करीब 17 साल जेल में बिताए हैं। इस चुनाव में बादल का मुकाबला कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से हैं। ये चुनाव देश के सबसे बुजुर्ग नेता का भविष्य तय करेगा।