कैप्टन के फार्मूले पर बाजवा ने उठाए सवाल, कहा- जिम्मेदारी तो सीएम की भी बनती है...
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कैप्टन की ओर से मौजूदा लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी विधायकों और मंत्रियों पर तय करने के फरमान पर सवाल उठाया है। बाजवा ने कहा है कि पंजाब के मिशन 13 के लिए विधायक व मंत्री ही जिम्मेदार हैं, तो प्रदेश कांग्रेस का आला नेतृत्व इस जिम्मेदारी से कैसे मुक्त हो सकता है।
प्रताप सिंह बाजवा ने उठाए सवाल
पंजाब कांग्रेस में पहले ही अंदरखाते कैप्टन के फॉर्मूले को लेकर विरोध होने लगा था, लेकिन अब सीधे तौर पर प्रताप सिंह बाजवा कूद पड़े हैं। बाजवा ने कहा है कि मैं पार्टी आलाकमान के उस फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें मिशन 13 के लिए प्रदेश के चुने हुए नुमाईदों की जिम्मेदारी तय होगी, लेकिन इसके लिए प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व कैसे अछूता रह सकता है। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की ओर इशारा करते हुए दलील दी कि इस दायरे में दोनों नेताओं को खुद ही अपने आपको शामिल करना चाहिए, ताकि बेहतर संदेश जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो किसी दूसरे को स्थितीयों को संभालने का मौका दिया जाना चाहिए। बाजवा इन दिनों कैप्टन से नाराज बताए जा रहे हैं व पंजाब के चुनाव प्रचार से दूर हैं।
अमरिंदर ने जीत की जिम्मेदारी मंत्रियों-विधायकों पर डाली
दरअसल, इससे पहले बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उस समय पंजाब कांग्रेस की राजनिति में खासी हलचल पैदा कर दी थी, जब उन्होंने पंजाब में उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी संबंधित हलकों में मंत्रियों और विधायकों पर डाल दी। कहा कि उन्होंने यह फैसला कांग्रेस आलाकमान ने राहुल गांधी के नेतृत्व में लिया है, ताकि पार्टी के ‘मिशन 13' को प्राप्त करने के लिए जारी अभियान में तेजी लाई जा सके। आलाकमान के निर्देश के अनुसार, पंजाब में जो मंत्री कांग्रेस के लिए जीत सुनिश्चित करने में सफल नहीं होते, खासकर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, को कैबिनेट से हटा दिया जाएगा। साथ ही कहा कि जो लोग अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के विजयी प्रदर्शन करने में विफल रहते हैं, उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए नहीं गिना जाएगा। बोर्ड-निगमों के चेयरमैन पद लोकसभा चुनावों में नेताओं के व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर आवंटित किए जाएंगे।
पार्टी में अंदरूनी लड़ाई की खबरों के दौरान आया फरमान
कैप्टन का यह फरमान उस समय आया है, जब जालंधर, संगरूर और फरीदकोट के नामांकन होने के बाद आनंदपुर साहिब, फिरोजपुर, फरीदकोट, संगरूर गुरदासपुर व होशियारपुर लोकसभा क्षेत्रों से पार्टी की अंदरूनी लड़ाई की खबरें बाहर आने लगीं। जालंधर में तो पार्टी मामलों की प्रभारी आशा कुमारी को टिकट न मिलने पर पार्टी से नाराज चल रहे चौधरी संतोख सिंह को मनाने उनके आवास पर पहुंची। चौधरी समर्थक कांग्रेसियों ने आशा कुमारी का विरोध किया। हालांकि, बाद में चौधरी होशिरपुर में पार्टी प्रत्याशी राज कुमार चब्बेवाल के नामांकन में शामिल होने के लिए राजी हो गए।
बाजवा व नवजोत सिंह पर नकेल के लिए है यह फरमान!
माना जा रहा है कि कैप्टन का यह फरमान एक तरह से प्रताप सिंह बाजवा व नवजोत सिंह पर नकेल कसने के लिए ही है। कैप्टन समर्थकों को लगता है कि सिद्धू व बाजवा पार्टी आलाकमान की नजर में तो अपने आपको ठीक रखते हैं, लेकिन पंजाब आते ही कैप्टन से अलग राह पकड़ लेते हैं। पंजाब के राजनैतिक हालात इस बार कांग्रेस के लिए अकाली दल के बिखराव व आम आदमी पार्टी के कमजोर होने के बावजूद बेहतर नहीं हैं। टिकट न मिलने से कई नेता अभी भी नाराज चल रहे हैं। जालंधर में संतोख चौधरी व किटू ग्रेवाल के अलावा फिरोजपुर में टिकट न मिलने से राणा गुरमीत सोढ़ी सहित दूसरे नेता अभी पार्टी प्रत्याशी शेर सिंह घुबाया के समर्थन में खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। यही हाल गुरदासपुर का है, जहां बाजवा समर्थक पार्टी प्रत्याशी सुनील जाखड़ से मुंह फुलाए बैठे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि कैप्टन नामांकन भरने के लिए चुनींदा उम्मीदवारों के इलाकों में जा रहे हैं।
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