लड़कियों का दुश्नन रेवाड़ी, दूसरी लड़की पैदा नहीं होने दी जाती
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) हरियाणा का जिला रेवाड़ी। इधर बेटी को जन्म देने के बाद महिलाओं का अलग बच्चा पुत्र ही होता है। इधर दूसरा बच्चा लड़की के रूप में पैदा ही नहीं होने देते पति-पत्नी। इसके चलते राज्य सरकार ने सारे मामले की जांच करवाने का फैसला किया है।
मालूम किया जाएगा कि पुत्री को जन्म देने वाली महिलाओं का दूसरा बच्चा पुत्र ही क्यों होता है। एक दौर में अपने बहादुर सैनिकों के लिए देश-दुनिया में जाना जाता था रेवाड़ी। अब वहां इस तरह के हालात पैदा हो गए हैं।
घपले की जांच
अब सरकार इस जिले के गर्भ में पलने वाले अल्ट्रा साउंड केन्द्रों में हो रहे घपले की जांच करेगी। रेवाड़ी में 1000 लड़कों पर 800 से भी कम लड़कियां पैदा हो रही हैं। माना जा रहा है कि रेवाड़ी में पुत्र की चाहत में लोग गर्भ में पलने वाली लड़की का गर्भपात करवा लेते हैं। वे किसी भी हालत में दूसरी लड़की पैदा ही होने देते। रेवाड़ी से सटे महेन्द्रगढ़ में भी हालात कोई बहुत बेहतर नहीं हैं। वहां पर 1000 हजार लड़कों पर 814 लड़कियां हैं।
बदत्तर हालात
राजधानी स्थित हरियाणा भवन के एक अधिकारी ने बताया कि रेवाड़ी के कुछ गांवों में तो हालात बेहद खराब हो चुके हैं। उनमें 1000 हजार लड़कों पर 500 से भी कम लड़कियां हैं। इनमें ही सरकार आंगनवाड़ियों और ग्राम पंचायतों की मदद से पता लगाएगी कि क्या महिलाएं पहली पुत्री होने के बाद हर हालत में पुत्र की चाहत में अपने गर्भ में पलने वाली कन्या को मार रही हैं।
मुसलमानों का मेवात
हरियाणा में मेवात में मुसलमान बहुमत में है। बेहद पिछड़ा इलाका है मेवात। इसके बावजूद यहां पर 1000 लड़कों पर 946 लड़कियां हैं। सारे राज्य में ये अपने आप में सबसे बेहतर लड़के-लड़कियों की औसत वाला जिला है।
हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार कवेल तिवारी ने कहा कि हरियाणा का समाज पुत्र के लिए पागल रहता है। वहां पर महिला के पुत्री को जन्म देने पर उस परिवार में मातम का माहौल पसर जाता है। इन हालातों में संभव है कि रेवाड़ी में लड़कियों को गर्भ में मारा जा रहा हो।