सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह कराएंगे अहमद पटेल, क्या खत्म होगी लड़ाई?
चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रही लड़ाई आज खत्म हो सकती है। लंबे अरसे बाद कैप्टन व उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस नेता अहमद पटेल की मौजूदगी में आमने सामने होंगे। पार्टी आलाकमान के निर्देश पर सोमवार को पार्टी नेता अहमद पटेल इस मामले की सुलह करने के लिए चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। चंडीगढ़ में अहमद पटेल को दौरे को लेकर राजनैतिक महौल गरमा गया है।
सिरदर्द बना सिद्धू और कैप्टन का विवाद
दरअसल, सिद्धू व कैप्टन के बीच का विवाद सिरदर्द बन गया है। सिद्धू के बिजली विभाग का जिम्मा नहीं संभालने के कारण पंजाब में किसानों को धान की रोपाई के लिए नियमित बिजली उपलब्ध कराने का फैसला लटका है। जिससे सरकार की परेशानी बढ़ी है। सरकार को लगता है कि जल्द ही इस मामले पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है। यही वजह है कि कैप्टन चाह रहे हैं कि सिद्धू किसी भी तरह इस हफ्ते अपना विभाग संभाल लें। ताकि नितिगत फैसलों में सरकार को कोई परेशानी न हो। इस बीच, आलाकमान द्वारा कैप्टन और सिद्धू के बीच सुलह कराने की जिम्मेदारी सीनियर नेता अहमद पटेल को सौंप दी गई है। पटेल सोमवार को चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि अहमद पटेल का प्रस्तावित दौरा खासा अहम माना जा रहा है।
अंतिम हल निकालने की कोशिश
माना जा रहा है कि अहमद पटेल चंडीगढ़ में सीएम कैप्टन और सिद्धू से मुलाकात करेंगे और कोई अंतिम हल निकालने की कोशिश करेंगे। इसी के तहत सिद्धू को तुरंत नया कार्यभार संभालने को कहा जा सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन दिन के लिए अपने सभी कार्यक्रम भी रद कर दिए हैं। वह चंडीगढ़ में ही हैं। बताया जा रहा है कि कैप्टन बुधवार को राहुल गांधी से मिलेंगे। लेकिन इस मुलाकात से पहले सिद्धू की नाराजगी दूर करना खास मायने रखता है।
सिद्धू ने अभी तक अपना नया विभाग नहीं संभाला
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 6 जून को अपने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया था। इसके बाद बाकी मंत्रियों ने अपने नए विभागों का कामकाज संभाल लिया था, लेकिन विभाग बदले जाने से खफा सिद्धू ने अभी तक अपना नया विभाग नहीं संभाला है। बदलाव से नाराज होकर सिद्धू इसकी शिकायत करने कांग्रेस आलाकमान के पास पहुंचे। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के फैसले की शिकायत भी की लेकिन आलाकमान का उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल सका और नया विभाग ही संभालने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी आलाकमान के रुख को देखते हुए सिद्धू के तेवर काफी नरम पड़े हैं और अगले हफ्ते वे बिजली विभाग संभाल सकते हैं। दरअसल, सिद्धू यह समझ गए हैं कि आलाकमान कैप्टन अमरिंदर सिंह के उक्त फैसले में कोई बदलाव नहीं करेगा। वहीं कैप्टन ने भी सिद्धू का विभाग बदलने को लेकर पार्टी अध्यक्ष को पहले ही विश्वास में ले लिया था।