1 दिसंबर से बढ़ेगा आपके मोबाइल का बिल, जानिए क्यों टेलीकॉम कंपनियों ने महंगा किया प्लान
नई दिल्ली। करीब तीन साल पहले जब रिलायंस जियो ने टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री की तो कंपनी ने अपने फ्री कॉलिंग और डेटा इस क्षेत्र में क्रांति ला दी। जियो के सस्ते ऑफर्स के चलते बाकी टेलिकॉम कंपनियों को भी अपने टैरिफ प्लान की कीमतों को घटाना पड़ा, लेकिन अब टेलिकॉम कंपनियों ने एक के बाद एक कर अपने टैरिफ प्लान की कीमतों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। वोडाफोन-आइडिया के बाद रिलायंस जियो और अब एयरटेल ने भी अपने टैरिफ प्लान महंगे कर दिए। आपको बताते हैं कि आखिर क्यों टेलिकॉम कंपनियों को अपने प्लान महंगे करने पड़ रहे हैं।
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क्यों महंगे हो रहे हैं टैरिफ प्लान
टेलीकॉम
सेक्टर
बुरे
दौर
से
गुजर
रहा
है।
एडजस्टेड
ग्रॉस
रेवेन्यू
(AGR)
जैसी
समस्याओं
की
वजह
से
सभी
टेलीकॉम
कंपनियों
को
भारी
नुकसान
हो
रहा
है,
जिसकी
भरपाई
के
लिए
कंपनियों
ने
टैरिफ
प्लान
की
कॉस्ट
बढ़ाने
का
फैसला
किया।
वोडाफोन-आइडिया
ने
1
दिसंबर
से
अपने
टैरिफ
चार्ज
बढ़ाने
की
घोषमा
कर
दी।
वहीं
रिलायंस
जियो
ने
भी
टैरिफ
प्लान
में
बदलाव
का
ऐलान
कर
दिया।
जियो
यूजर्स
को
कंपनी
के
इस
ऐलान
से
ग्राहकों
को
झटका
लगा
है।
वहीं
अब
एयरटेल
ने
भी
कॉल
दरें
बढ़ाने
की
घोषणा
कर
दी
हैं।
दरअसल
टेलिकॉम
कंपनियों
ने
एजीआर
के
लंबित
बेहद
भारी
भरकम
बकाए
के
बाद
यह
फैसला
लिया
है।
1 दिसंबर के बढ़ेगा आपका मोबाइल बिल
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने 1 दिसंबर से अपना टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। वहीं हाल ही में रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज के तहत दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग चार्ज वसूलने शुरू कर दिए हैं। कंपनियों को AGR की वजह से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार की को बड़ी रकम का भुगतान करना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अजस्टेड ग्रॉस रेवन्यू का फैसला सरकार के पक्ष में गया, जिसके बाद टेलिकॉम कंपनियों को 1.30 लाख करोड़ रुपये डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस को भुगतान करने है। जिसका असर अब कंपनियों के टैरिफ प्लान पर पड़ रहा है। वहीं कंपनियों को हुए नुकसान की भरपाई वो टैरिफ प्लान के जरिए कर रही है। वोडाफोन आइडिया को तो भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा हुआ है, लेकिन इस सबके के बीच जियो के यूजर्स के लिए फिर भी राहत भरी खबर है, क्योंकि अब भी बाकी कंपनियों के मुकाबले जियो के प्लान सस्ते हैं।
AGR की वजह से बर्बादी की कगार पर टेलीकॉम कंपनियां
दरअसल
सरकार
द्वारा
वसूले
जाने
वाले
एडजस्टेड
ग्रॉस
रेवेन्यू
(AGR)
के
चलते
टेलिकॉम
सेक्टर
बर्बादी
के
कगार
पर
आ
गया
है।
टेलिकॉम
कंपनी
वोडाफोन-आइडिया
को
सबसे
बड़ा
नुकसान
हुआ
है।
वोडाफोन
को
दूसरी
तिमाही
में
50,921
करोड़
का
घाटा
हुआ
है।
वहीं
एयरटेल
को
जुलाई-सितंबर,
2019
तिमाही
में
23,045
करोड़
रुपये
का
बड़ा
घाटा
हुआ
है।
ऊपर
से
AGR
के
भारी
भरकम
बोझ
से
कंपनियों
की
हालत
खस्ता
कर
दी
है।
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
के
बाद
टेलिकॉम
कंपनियों
को
टेलीकॉम
डिपार्टमेंट
को
करीब
94000
करोड़
रुपये
बतौर
देना
है,
जब
इसमें
इसमें
ब्याज
और
जुर्माना
ऐड
कर
दें
तो
ये
1.3
लाख
करोड़
रुपये
होता
है।
आपको
बता
दें
कि
AGR
दूरसंचार
द्वारा
वसूला
जाना
वाला
तार्ज
होता
है,
जो
वो
टेलीकॉम
कंपनियों
से
यूजेज
और
लाइसेंसिग
फीस
के
तौर
पर
लेती
है।
इसे
वो
दो
पार्ट
में
लेती
है।
पहला
स्पेक्ट्रम
यूजेज
चार्ज
और
लाइसेंसिंग
फीस।
3
साल
में
4
बड़े
बैंकों
ने
समेटा
कारोबार,
अब
इस
बैंक
की
बारी,जानिए
क्यों
बंद
हो
रहे
हैं
पेमेंट
बैंक