खुशखबरी: मोदी सरकार फिर से बेच रही सस्ता सोना, जानें इस योजना के ऑफर और फायदे
खुशखबरी: Unlock 2 में खरीदें सस्ता सोना, 6 जुलाई से मोदी सरकार बेचेगी गोल्ड, जानें ऑफर और फायदे
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के संकट के बीच केन्द्र सरकार एक बार फिर ग्राहकों को सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका दे रही हैं। इस संकट काल में विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में इनवेस्मेंट करना सबसे सुरक्षित निवेश है। इसलिए सस्ती दरों में सोना खरीदने का केन्द्र सरकार का ये बेस्ट ऑफर हैं। केन्द्र सरकार सस्ता सोना सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत बेच रही है। आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी कम दाम में सोना खरीद सकते हैं। सरकार की ये योजना केवल पांच दिनों के एक बार फिर शुरु की गई हैं। जानिए बाजार से कितने कम दाम पर सरकार बेच रही सोना और कब तक जारी रहेगी ये स्कीम और कैसे इसके तहत खरीद सकते हैं सस्ता सोना ?
6 जुलाई से खरीद सकते हैं सस्ता सोना
केन्द्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत सस्ता सोना बेचने का ऑफर छह जुलाई 2020 से शुरु कर रही और 10 जुलाई 2020 इस योजना की अंतिम तारीख है। इसलिए अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो बिलकुल देर नहीं करिए। मालूम हो सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 की ये चौथी सीरीज है। इस योजना की पहली सीरीज 20 अप्रैल 2020 से शुरू होकर 24 अप्रैल 2020 को समाप्त हुई थी। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में अनाउंस किया था कि सरकार अप्रैल, 2020 से सितंबर तक छह किस्तों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (गोल्ड बॉन्ड) जारी करेगी।
सरकार ने रखी है ये सोने की कीमत
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना तहत सरकार सोना 4,852 रुपये प्रति ग्राम पर सोना बेच रही हैं। इस रेट के हिसाब से 10 ग्राम सोने की कीमत 48,520 रुपये होगी। इससे पहले, 8 से 12 जून के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला बॉऩ्ड का इश्यू प्राइस 4,677 रुपये प्रति ग्राम था। गोल्ड बॉन्ड की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जाती है तो सरकार ऐसे निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट देती है। यानी कि अगर आप इस योजना के तहत गोल्ड ऑनलाइन खरीदते हैं, तो प्रतिग्राम सोने की खरीद पर एक्स्ट्रा 50 रुपए की छूट भी मिलेगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत सोना खरीदने पर आप आयकर में भी छूट का लाभ ले सकते हैं।
यहां से खरीद खरीद सकते हैं सस्ता सोना
भारत सरकार ने घरेलू निवेश के एक हिस्से को वित्तीय बचत में बदलने के उद्देश्य से सरकारी स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत की थी। भारत सरकार की ओर से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करेगा। गोल्ड में निवेश के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित गोल्ड बांड कोई भी नागरिक राष्ट्रीयकृत बैंक, एनएसई, डाकघरों और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के दफ्तर से खरीद सकता हैं। इसके साथ ही स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए भी गोल्ड बांड के जरिए सोना खरीदा जा सकता है। गोल्ड बांड के जरिए सोने में निवेश को एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे जोखिम और सोने की शुद्धता के नाम पर कटौती से होने वाले नुकसान से बचा सकता है।
जानिए कितना मिलेगा ब्याज
गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता का समय 8 साल होता है, जिस पर सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है। इसके अलावा इस पर कोई कर कटौती नहीं होती है, लेकिन अगर बॉन्ड को 3 साल के बाद और 8 साल से पहले बेचा जाता है तो इसपर 20 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। वहीं, बॉन्ड की मैच्योरिटी के बाद गोल्ड बेचने पर गोल्ड बांड पर दिया जाने वाल ब्याज भी करमुक्त होता है। बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है।
इतना होना चाहिए न्यूनतम निवेश
बॉन्ड का अंकित मूल्य 999 शुद्धता वाले सोने के लिये पिछले तीन कामकाजी दिवसों में साधारण औसत बंद भाव (इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिशन द्वारा प्रकाशित) मूल्य पर आधारित है। न्यूनतम स्वीकार्य निवेश एक ग्राम सोना और अधिकतम 4 किलो प्रति व्यक्ति है। हिंदु अविभाजित परिवार के लिये भी निवेशक की अधिकतम सीमा 4 किलो है। न्यास और उस तरह की इकाइयों के लिये यह 20 किलो है। सरकार ने बजट में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया था।
सोने के दाम में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी
बता दें लगातारतीन दिन की गिरावट के बाद सप्ताह के आखिरी दिन शनिवार को सोने के भाव में एक बार फिर से उछाल देखने को मिला। सोने का भाव आज 48,350 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। गुड रिटर्न्स वेबसाइट के मुताबिक, शनिवार को चांदी 48,600 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 48,550 रुपये हो गई। चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं उत्पाद शुल्क, राज्य करों और शुल्कों के कारण सोने के आभूषणों के दामों में तेजी देखी गई।
निवेश के लिए भारतीय गोल्ड पर ही करते हैं भरोसा
पारंपरिक भारतीय निवेश के लिए आज भी सबसे अधिक गोल्ड पर भरोसा करते हैं। सोना महंगा हो या सस्ता भारतीय निवेश के लिए गोल्ड से उपयुक्त किसी और को नहीं मानते हैं। पिछले कुछ महीनों में गोल्ड की आसमान छूती कीमतों ने भले ही लोगों के हाथ-पांव फुला दिए हैं, लेकिन कहते हैं जब गोल्ड के भाव आसमान छू रहे हों तो गोल्ड में निवेश का समय सबसे उपयुक्त होता है। हालांकि पारंपरिक भारतीय आज भी सोने के आभूषण में निवेश करना पसंद करते हैं।
जानिए क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सोने में निवेश है जो भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य भौतिक सोने की मांग को कम करना है, जिससे भारत में सोने के आयात पर नजर रखी जा सके और संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया जा सके। यह भौतिक सोने के समान लाभ प्रदान करता है। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में अनाउंस किया था कि सरकार अप्रैल, 2020 से सितंबर तक छह किस्तों में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (गोल्ड बॉन्ड) जारी करेगी।
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