Year Ender Special: साल 2018 में भारतीय रेलवे ने शुरू की न्यू जेनेरेशन की ये ट्रेनें, जानिए खासियत
Year Ender Special: साल 2018 में भारतीय रेलवे ने शुरू की न्यू जेनेरेशन की ये ट्रेनें, जानिए खासियत
नई दिल्ली। साल 2018 को खत्म होने में चंद दिन बचे हैं। सब नए साल की तैयारियों में जुट गए हैं। नए साल के आने से पहले साल 2018 की उपलब्धियों को जान लेना भी जरूरी है। साल 2018 में भारतीय रेल के साथ कई कामियाबी के पल रहे तो कई हादसों ने गम भी दिया। अगर नई ट्रेनों की खासकर न्यू जेनेरेशन ट्रेन की बात करें तो साल 2018 ने भारतीय रेलवे को T-18 जैसा हाईटेक ट्रेन का तोहफा मिला। बुलेट ट्रेन की नींव साल 2017 में रखी गई तो अब टी 18 ने 2018 में भारतीय रेलवे के उपलब्धियों में चार चांद लगा दिया। आइए साल 2018 में भारतीय रेल की कुछ नई ट्रेनों खासकर हाईटेक ट्रेनों के बारे में जानें....
TRAIN-18 का मिला तोहफा
भारत में रेल क्रांति की शुरुआत करने वाली ट्रेन टी-18 को 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। इस ट्रेन का ट्रायल रन पूरा हो चुका है। अब तक रिपोर्ट की माने तो ट्रेन 18 को दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाया जाएगा। इस ट्रेन का नाम टी-18 इसलिए पड़ा क्योंकि रेलवे इस ट्रेन को इसी साल यानी 2018 में लॉन्च करने वाली है। सबसे खास बात कि ये ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे देश में तैयार किया गया है।
हाल ही में दिल्ली-राजधानी रूट पर टेस्टिंग के दौरान ये ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। यह भारत में किसी ट्रेन की सबसे अधिक स्पीड है। मेट्रो की तरह दिखने वाली इस ट्रेन में वाई-फाई, इंफोटेनमेंट समेत अन्य कई सुविधा मिलेंगी आपको बता दें कि टी-18 भारतीय रेलवे की पहली ट्रेन बिना इंजन के चलने वाली ट्रेन है। ये ट्रेन शताब्दी के मुकाबले सफर को 15 फीसदी तक कम कर देगी 16 कोच वाली इस ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइवरों के लिए केबिन है, जिसमें हर कोच में 78 यात्री सफर कर सकेंगे।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवेज की पहली बार टॉय ट्रेन
वहीं भारतीय रेलवे ने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवेज ने पहली बार ईवनिंग टॉय ट्रेन की शुरुआत की है। ये ट्रेन शाम के समय चलेगी, ताकि लोग शाम के समय आनंददायक यात्रा का अनुभव ले सकें। इस नए टॉय ट्रेन के साथ सैलानी पहाड़ी परिदृश्य की प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ शाम के समय इस ट्रेन में यात्रा करके उठा सकते हैं।
कश्मीर में चलेगी शीशे वाली ट्रेन
दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन तो कश्मीर में शीशे की बनी ट्रेन चलाई जाएगी। घाटी का खूबसूरत नजारा लोग ग्लास से बने ट्रेन में सफर करते हुए देख सकेंगे। शीशे के गुंबद वाले रेल कोच जल्द ही पटरियों पर उतरेंगे और फिर यहां सफर का मजा और बेहतरीन हो जाएगा। ग्लास की बनी ट्रेन तैयार खड़ी हैं, लेकिन उसे परिचालन में शामिल नहीं किया जा रहा है।रेलवे को घाटी में हालात सामान्य होने का इंतजार है, जिसके बाद ये कोच परिचालन में आ जाएंगे। इसका ट्रायल हो चुका है। इस ग्लास कोच तो चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्टरी में तैयार किया गया है। इस खास कोच को बनाने में 4 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इस वातानुकूलित कोचों में लंबे शीशे की खिड़कियां और छत बनी हैं। पूरा कोच एसी है। इसमें घुमावदार सीटें लगी है। इस कोच में बैठकर आप बनीहाल और बारामूला के बीच 135 किलोमीटर के सफर के घाटी की मनोरम सुंदरता को देख सकेंगे।
अब नए अवतार में लोकल ट्रेन मेमू, Train 18 जैसी सुविधा
भारतीय रेलवे ने लोकल ट्रेन को भी हाईट्रेक बनाने का फैसला किया है। रेलवे ने कम दूरी वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के इरादे से चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में बनी नई मेमू चलाने का फैसला किया है। इसमें भी यात्रियों को खास T18 की तरह सुविधाएं मिलेंगी। मतलब ये कि इन मेमू ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी/घंटे तक होगी। जो कम दूरी वाली इंटरसिटी ट्रैवलिंग को आसान बनाएगी। इसके अलावा रेलवे ने इस साल उदय एक्सप्रेस, अन्त्योदय एक्सप्रेस, तेजस की घोषणा कि जो 12 महीनों के भीतर पटरियों पर रफ्तार भरेंगी।
बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन की नींव 2017 के अंत में रखी गई, लेकिन इस साल बुलेट ट्रेन को लेकर कई तैयारियां शुरू की गई। केंद्र की मोदी सरकार ने यह तय किया है कि पूर्व निर्धारित 2023 की जगह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए भारत और जापान दोनों ही मिलकर अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहे हैं। अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए कुल लागत 10,8000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है।