क्या मुकदमा हारने के बाद अब Vodafone को सरकार देगी 20 हजार करोड़ रुपए?
नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 20,000 करोड़ के टैक्स विवाद मामले में भारत सरकार को हराकर कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केस जीत लिया है। इस बीच लोगों में ऐसी धारणा है कि अब मुकदमा हारने के बाद सरकार को 20,000 करोड़ रुपए टेलीकॉम कंपनी लौटाने होंगे। लेकिन न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह गलत धारणा है, वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग BV द्वारा दायर मध्यस्थता मामले में जीत के बाद भी सरकार को 20,000 करोड़ रुपए नहीं लौटाने होंगे। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार को सिर्फ 40 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण की प्रशासनिक लागत का 60 फीसदी है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाकी लागत का 40 प्रतिशत वोडाफोन द्वारा वहन किया जाएगा। इसके साथ ही साथ ही केस हारने के बाद भारत सरकार को वसूल किए गए कर को वापस करना पड़ सकता है जो लगभग 45 करोड़ रुपए है। हालांकि यह तभी देना होगा अगर सरकार इस रकम के खिलाफ कोर्ट में अपील नहीं करती। इसलिए कुल भुगतान लगभर 85 करोड़ रुपए ही है। इस बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग BV के साथ कर विवाद पर अपने कानूनी काउंसल से परामर्श करेगा।
बता दें कि भारत सरकार और वोडाफोन के बीच 20,000 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्व प्रभावी) टैक्स को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। वोडाफोन और सरकार के बीच कोई सहमति ना बन पाने के कारण 2016 में कंपनी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रूख किया था। वोडाफोन की अपील के बाद मामले की सुनवाई के लिए जज सर फ्रैंकलिन की अध्यक्षता में 2016 में एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। जिस पर शुक्रवार को फैसला आया।