वो चार चीजें, जो नवंबर में आपके घर का बजट बिगाड़ सकती हैं...
नई दिल्ली। आम आदमी को नवंबर के महीने में जोरदार झटका लग सकता है। ऐसी संभावना है कि इस महीने में कुछ वस्तुओं के दाम में इजाफा हो सकता है। अगर इन वस्तुओं के दाम बढ़ते हैं तो इसका सीधा असर आपके बजट पर पड़ेगा। इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक जिन चीजों के दाम में इजाफे का अनुमान है उनमें पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ घरेलू उपकरण, रेस्टोरेंट में खाना और हवाई यात्रा महंगी हो सकती है। आखिर क्या वजह है जिसके चलते इन 4 चीजों के दामों में इजाफा होने की संभावना है, पढ़िए आगे...
घरेलू उपकरण
अगर आप नवंबर में घरेलू उपकरण जैसे फ्रीज, एसी, वाशिंग मशीन जैसी चीजें लेने का प्लान कर रहे हैं तो आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। नवंबर में इन चीजों की खरीद पर आपको 3 से 5 फीसदी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से कंपनियां अब इसे उपभोक्ताओं से वसूलने की तैयारी में हैं। इसकी अहम वजह ये भी है कि स्टील के दाम करीब 40 फीसदी बढ़ें हैं वहीं कॉपर के दाम में भी 50 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल
नवंबर में ईंधन यानी पेट्रोल और डीजल के दाम में भी इजाफा हो सकता है। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना है। अंतरराष्ट्री मार्केट में कच्चे तेल का दाम 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है। इस इजाफे का असर यहां भी हो सकता है, जिसकी वजह से दाम बढ़ना तय माना जा रहा है। बता दें कि अगस्त में पेट्रोल के दाम में इजाफा हुआ था, हालांकि लोगों की नाराजगी के बाद सरकार ने दो रुपये/लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।
हवाई किराया
हाल के महीनों में देखा गया है कि कई घरेलू विमानन कंपनियों ने यात्रियों को सस्ती हवाई यात्रा के लिए खास ऑफर दिए। हालांकि नवंबर में हवाई सफर करना महंगा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हवाई किराये में 15 फीसदी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। अगस्त महीने से एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे में विमानन कंपनियां लगातार हवाई किराया बढ़ाने की योजना बना चुकी हैं।
बाहर खाना भी हो सकता है महंगा
जीएसटी परिषद भले ही अगले महीने से एसी रेस्तरां पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी रेट को 12 फीसदी करने की तैयारी कर रही हो, बावजूद इसके बाहर खाना महंगा हो सकता है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने कहा है कि अगर जीएसटी परिषद 12 फीसदी जीएसटी रेट तय करती है और उस पर इनपुट क्रेडिट क्लेम की सुविधा नहीं देती है, तो इससे आम लोगों को इसका सीधा फायदा नहीं मिल पाएगा।
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