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Jio में इतना पैसा क्यों लगा रहे हैं निवेशक ? लॉकडाउन के 56 दिनों में जुटा लिए 1.15 लाख करोड़

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो पर पैसों की जमकर बरसात हो रही है। पिछले कुछ हफ्तों से जियों में निवेश के लिए निवेशकों के बीच होड़ लगी हुई है, कंपनी के मुताबिक अब तक जियों को 11 निवेश मिल चुके हैं। पिछले 56 दिनों में जियों ने कुल 10 निवेश से करीब 1,15,696.95 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। लेकिन इस बीच यह सवाल खड़ा होने लगा है कि ऐसी क्या वजह है कि कोरोना वायरस संकट में भी निवेशक, जियो में इतने पैसे लगा रहे हैं?

कोरोना वायरस संकट में भी आ रहा निवेश

कोरोना वायरस संकट में भी आ रहा निवेश

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है। ऐसे में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो में निवेशकों की रुचि बढ़ना हैरान करने वाली बात है। लेकिन इससे पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि आखिर मुकेश अंबानी द्वारा नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), Jio प्लेटफार्मों में अपनी हिस्सेदारी कम क्यों कर रही है? आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।

Jio में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रहा है Reliance?

Jio में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रहा है Reliance?

मालूम हो कि सितंबर 2016 में Jio 4G लॉन्च करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को बाजार से बहुत अधिक कर्ज उठाना पड़ा था। जियो के आने के बाद टेलिकॉम सेक्टर में क्रांति आ गई, सस्ती कॉल और इंटरनेट से जियो ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को चार साल के अंदर ही हरा दिय। इसके बाद अब आरआईएल ने कर्ज का भुगतान करने का फैसला किया है, वहीं कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचकर कुछ और लाभ कमाने का फैसला किया है। बता दें कि मार्च 2021 तक आरआईएल के कर्ज मुक्त होने की योजना का भी यह एक हिस्सा है। इसके मद्देनजर अब मुंकेश अंबानी की कंपनी जियो प्लेटफार्मों में निवेशकों की तलाश में जुट गई है।

Jio में अभी कितनों ने किया निवेश?

Jio में अभी कितनों ने किया निवेश?

जियो में निवेश की शुरुआत फेसबुक से हुई जिसने 21 अप्रैल, 2020 को 5.7 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की। इसके दो हफ्ते बाद अमेरिकी निजी इक्विटी कंपनी सिल्वर लेक पार्टनर्स ने 750 मिलियन डॉलर का निवेश किया। इसके बाद विस्टा इक्विटी पार्टनर्स (1.5 बिलियन डॉलर), जनरल अटलांटिक (870 मिलियन डॉलर), केकेआर (1.5 बिलियन डॉलर), मुबाडाला इन्वेस्टमेंट कंपनी (1.2 बिलियन डॉलर) और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (750 मिलियन डॉलर), सिल्वर लेक (600 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त), टीपीजी कैपिटल (600 मिलियन डॉलर ) और कैटरटन (1,895 करोड़ रुपये)। इन निवेश के बदले में जियो ने अभी तक इन निवेशकों को 22.38% हिस्सेदारी दी है।

नंबर 1 के पायदान पर पहुंचा जियो

नंबर 1 के पायदान पर पहुंचा जियो

रिलायंस जियो ने 22 अप्रैल को फेसबुक के साथ करार के बाद ताबड़तोड़ इंवेस्टमेंट डील की है। रिलायंस जियो के साथ साझेदारी करने वालों में दुनियाभर के टेक्नोलॉजी और इंवेस्टमेंट कंपनियां शामिल है। इससे पहले प्राइवेट ​इक्विटी फर्म्स एल कैटरटन और TGP ने जियो में बड़ा निवेश किया। आपको बता दें कि जियो के पास 40 करोड़ यूजर्स का बड़ा नेटवर्क है। कम और सस्ती दरों पर बेहतरीन सर्विस देने की वजह से ही कम समय में जियो ने बाकी टेलीकॉम कंपनियों को पछाड़ दिया और नंबर 1 के पायदान पर पहुंच गई।

इसलिए निवेशकों में लगी होड़

इसलिए निवेशकों में लगी होड़

बता दें कि जियो प्लेटफार्म कोई साधारण कंपनी नहीं है। पहली बात यह कि जियो भारत की सबसे बड़ी कंपनी आरआईएल का एक हिस्सा है और दूसरा यह कि Jio मार्केट लीडर है और मुनाफा कमा रही है। पिछले चार वर्षों में जियो ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को पछाड़कर नंबर एक पर आ गया है। इसके अलावा जियो में निवेश करने और कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने से कुछ साल पहले तक लाभ कमाने के लिए यह प्रचुर मात्रा में व्यापारिक समझदारी देता है।

यह भी पढ़ें: Jio में 11वां निवेश, अब सऊदी अरब की PIF करेगी 11367 करोड़ का निवेश, 9 हफ्ते में जियो ने जुटाए 1,15,696.95 करोड़

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English summary
Why are investors investing so much money in Jio 1.15 lakh crores raised in 56 days of lockdown
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