चीन नहीं अब एप्पल के लिए भारत है अगली डेस्टिनेशन
नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी जायंट एप्पल के सीईओ टिम कुक पहली बार भारत आए हैं और यहां पर पहले दिन ही उन्होंने भारत में एप्पल के आईओएस यानी इनीशियल ऑपरेटिंग सिस्टमे जुड़ा एक डेवलपमेंट सेंटर के बारे में ऐलान कर दिया है। एप्पल की एशिया में यह दूसरी बड़ी मौजूदगी होगी। एशिया में एप्पल के प्रॉडक्ट्स चीन में निर्मित होते हैं और ऐसे में कुक का यह ऐलान भारत के लिए काफी अहम है।
क्यों भारत में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है एप्पल
कुक के साथ कंपनी के सीओओ जेफ विलियम्स भी भारत आए हैं। कंपनी का आईओएस डेवलपमेंट सेंटर बेंगलुरु में खोला जाएगा। कुक की इस भारत यात्रा का मकसद भारत में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाना है।
भारत में फिलहाल कंपनी की सेल में पिछले छमाही 50 प्रतिशत से भी ज्यादा का इजाफा हुआ था। एप्पल का मानना है कि भारत निश्चित तौर पर उसके लिए एक बड़े बाजार में तब्दील हो रहा है।
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चीन में एप्पल की सेल हुई कम
जहां भारत वर्ष 2017 में एप्पल के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनने वाला है तो वहीं चीन से रोज एप्पल के लिए बुरी खबर आती है। चीन में एप्पल के प्रॉडक्ट्स की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है। एक सर्वे के मुताबिक वर्ष 2011 में जहां चीन में 92 मिलियन आईफोन एप्पल ने भेजे तो वहीं भारत में यहा आंकड़ा वर्ष 2015 में 104 मिलियन आईफोन तक पहुंच गया।
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मॉर्गन एंड स्टेन्ले के सर्वे की मानें तो पांच वर्षों में एप्पल जहां चीन में पिछड़ता गया तो वहीं भारत में इसके प्रॉडक्ट्स की बिक्री में लगातार इजाफा हुआ।
पीएम मोदी का आश्वासन और मेक इन इंडिया
चीन से अलग भारत में एप्पल के लिए एक बड़ा युवा वर्ग है जो उसकी सफलता के नए रास्ते खोल सकता है। जल्द ही भारत में एप्पल को पहला रिटेल स्टोर खोलने की मंजूरी मिल सकती है और यह एप्पल के लिए एक बड़ा मौका साबित होगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वर्ष 2015 में अमेरिका की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने सिलिकॉन वैली जाकर टिम कुक समेत कई बड़़े दिग्गजों से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी ने उस समय कुक को भरोसा दिलाया था कि अगर वह भारत आते हैं और मेक इन इंडिया कैंपेन के तहत निवेश करते हैं तो उन्हें बिजनेस में सहूलियतों के साथ ही टैक्स में भी रियायतें मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा चीन की इकॉनमी भी एप्पल के लिए भारत में कई बड़े मौके लेकर आ सकती है।