थोक महंगाई दर 9 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, आलू के दाम 115 फीसदी बढ़े
नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मुश्किल का सामना देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को करना पड़ रहा है। लगातार बढ़ रही महंगाई दर ने लोगों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी है। थोक मूल्य (WPI)आधारित महंगाई दर में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नवंबर माह में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 1.55 फीसदी तक पहुंच गई है, जोकि अक्टूबर माह में 1.48 फीसदी थी। तमाम सब्जियों के दाम नवंबर माह में बढ़ने से इसमे काफी तेजी दर्ज की गई है। पिछले साल नवंबर 2019 की बात करें तो थोक महंगाई दर 0.58 फीसदी थी। ऐसे में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष यह लगभग तीन गुना अधिक बढ़ चुकी है।
एक तरफ जहां सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं तो दूसरी तरफ खाद्य वस्तुओं के दाम में आई नरमी ने कुछ हद तक लोगों को राहत जरूर दी है। फरवरी 2020 के बाद से नवंबर माह तक की बात करें तो थोक महंगाई दर अपने सबसे ऊंचे स्तर पर है। फरवरी 2020 में थोक महंगाई दर 2.26 फीसदी थी। खाद्य महंगाई दर की बात करें तो नवंबर माह में यह घटकर 3.94 फीसदी तक पहुंच गई है। जबकि अक्टूबर में यह 6.36 फीसदी थी। सब्जियों के दाम की बात करें तो इसके दाम में 12.24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं आलू के दाम आसमान छू रहे हैं और इसमे 115.12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।